जीडीपी अपस्फीतिकारक क्या है ? इन हिंदी

जीडीपी जिसका पूर्ण रूप होता है – सकल घरेलू उत्पाद (In English – Gross Domestic Product)। GDP Deflator एक मूल्य सूचकांक (Price Index) है, जो किसी देश की अर्थव्यवस्था में उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के मूल्य स्तर को दर्शाता है। आज हम जीडीपी अपस्फीतिकारक क्या है ? इन हिंदी के बारे में सब कुछ जानेंगे।

1.जीडीपी अपस्फीतिकारक क्या है?

GDP किसी देश की अर्थव्यवस्था में वस्तुओं और सेवाओं के कीमतों में कुल मिलाकर कितना परिवर्तन (मुद्रास्फीति या अपस्फीति) हुआ है के बारे मे जानकारी देता है।यह बताता है कि आर्थिक वृद्धि वास्तविक है या सिर्फ कीमतों में वृद्धि के कारण है। जिससे महंगाई बढ़ रही है ।

2.GDP अपस्फीतिकारक को मूल्य सूचकांक (price Index) क्यों कहा जाता है?

GDP Deflator (अपस्फीतिकारक) यह बताता है कि किसी अर्थव्यवस्था में एक निश्चित समय (साल या तिमाही) के दौरान संपूर्ण वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य स्तर (Price Level) में कितना परिवर्तन हुआ है। अर्थात महंगाई (Inflation) या अपस्फीति (Deflation) को मापने का एक व्यापक पैमाना है। Price Index का अर्थ होता है “किसी अवधि में वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य स्तर का मापन” जिससे deflator का पता लगाया जाता हैं। GDP Deflator में अर्थव्यवस्था के भीतर उत्पादित सभी वस्तुएँ और सेवाएँ आती हैं।इसलिए यह मूल्य स्तर का व्यापक माप है।

3.जीडीपी अपस्फीतिकारक का सूत्र क्या है?

Nominal GDP(सांकेतिक जीडीपी) → वह GDP जो मौजूदा बाजार मूल्य पर मापी जाती है (यानी महंगाई को शामिल करती है)। इसमें मुद्रास्फीति (Inflation) का प्रभाव शामिल होता है।

Real GDP (वास्तविक जीडीपी)→ वह GDP जो आधार वर्ष (Base Year) के स्थिर दामों पर मापी जाती है (महंगाई को हटा दिया जाता है)। इसमें मुद्रास्फीति का प्रभाव हटा दिया जाता है। यह वास्तविक उत्पादन वृद्धि को दिखाता है।

उदाहरण – यदि 2024 में Nominal GDP = ₹2000 करोड़ है और Real GDP = ₹1600 करोड़ है तब 2000÷1600×100 =125

इसका मतलब यह है कि आधार वर्ष की तुलना में कीमतें 25% बढ़ चुकी हैं।

4.CPI (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक)और GDP(जीडीपी अपस्फीतिकारक) Deflator में क्या अंतर है?

चरणCPI (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक)GDP (जीडीपी अपस्फीतिकारक)
परिभाषाउपभोक्ता द्वारा खरीदी जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं की तय की गई कीमतों में बदलाव को मापता है ।अर्थव्यवस्था में उत्पादित सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में बदलाव मापता है ।
आधार (base)स्वास्थ्य , शिक्षा ,खाद्य , वस्त्र आदि ।नॉमिनल जीडीपी ÷वास्तविक जीडीपी ×100
स्कोपकेवल उपभोक्ता वस्तुएं और सेवाएं शामिल की गई है ।सभी घरेलू उत्पादित वस्तुएं एवं सेवाएं शामिल की है ।
आयतित वस्तुएंआदित्य वस्तु में शामिल होती है क्योंकि उपभोक्ताओं उन्हे खरीदते हैं ।शामिल नहीं होती क्योंकि केवल घरेलू उत्पादन गिना जाता हैं।
स्थिरतासंरचना नहीं बदलती हैं।जीडीपी की संरचना बदलने पर यह भी बदल जाता हैं।
उपयोगआम जनता की महंगाई जीवन स्तर और वेतन भत्ते तय करने में उपयोग किया जाता हैं।व्यापक आर्थिक नीति महंगाई नियंत्रण और वास्तविक वृद्धि मापने में इसका उपयोग किया जाता है ।

5.GDP (Gross Domestic Product ) सकल घरेलू उत्पाद) के प्रकार कौन कौन से हैं? 🤔

(1)Nominal GDP (सांकेतिक जीडीपी) – यह GDP मौजूदा बाजार कीमतों (Current Prices) पर मापा जाता है। इसमें मुद्रास्फीति (Inflation) का प्रभाव शामिल होता है।

(2)Real GDP (वास्तविक जीडीपी) – यह GDP आधार वर्ष (Base Year) की स्थिर कीमतों पर मापा जाता है।यह वास्तविक उत्पादन वृद्धि को दिखाता है।

(3)GDP at Market Price (बाज़ार मूल्य पर जीडीपी) – यह GDP बाजार कीमतों पर मापा जाता है।इसमें कर (Taxes) और सब्सिडी (Subsidies) शामिल किया जाता हैं।

(4)GDP at Factor Cost (कारक लागत पर जीडीपी)- इसमें केवल उत्पादन कारकों (श्रम, पूंजी, भूमि आदि) द्वारा प्राप्त आय को शामिल किया जाता है।कर और सब्सिडी को समायोजित करके निकाला जाता है।

(5)Per Capita GDP (प्रति व्यक्ति जीडीपी) – इसका उपयोग देशों की जीवन स्तर (Standard of Living) की तुलना के लिए किया जाता है।

(6)GDP (PPP) Purchasing Power Parity -इसमें देशों के बीच क्रय शक्ति (Purchasing Power) की तुलना की जाती है। यह देशों के जीवन स्तर की बेहतर तुलना देता है।

(7)Green GDP (हरित जीडीपी) – इसमें पारंपरिक GDP से पर्यावरणीय क्षति और प्राकृतिक संसाधनों की हानि को घटाकर आँका जाता है। यह टिकाऊ विकास (Sustainable Development) का सूचक है।

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