जूतों से बदबू आए तो क्या करें

जूते से बदबू आना कोई साधारण समस्या नहीं है। आज हम जानेंगे “जूतों से बदबू आए तो क्या करें“इसके पीछे शरीर विज्ञान , पर्यावरण (Environment) और साफ-सफाई – तीनों के कारण यह सब होता है।

जूतों से बदबू आए तो क्या करें

1. बदबू आने का असली कारण

जूते हमारे जीवन का हिस्सा हैं। हम प्रतिदिन ऑफिस, स्कूल, कॉलेज, बाज़ार या किसी भी काम पर जाने के लिए और खेतों में जूतों की ज़रूरत पड़ती है। लेकिन अक्सर यह समस्या हर किसी को परेशान करती है – जूते से आने वाली बदबू। यह बदबू न सिर्फ़ हमें असहज करती है बल्कि हमारे आत्मविश्वास (Confidence) को भी तोड़ देती है। जिससे कि अपने आप में अच्छा व्यतीत नहीं होता।

जब हम किसी मीटिंग या ऑफिस के कार्य में जाते हैं, या किसी दोस्त के घर गए हैं तो जैसे ही हम जूते उतारते है, तो अपनी नाक और दूसरों की नाक मैं गंध फैल जाती है सामने वाले लोग चेहरे पर मुस्कान से छुपा लेंते है लेकिन कुछ बोल नहीं पाते, क्योंकि माहौल असहज सा हो जाता है। यही कारण है कि इस समस्या को हल करना अत्यंत आवश्यक है।

2. जूतों से बदबू आखिर आती क्यों है?

जूतो से बदबू आना सिर्फ़ “पसीने” की वजह नहीं है, इसके पीछे कई कारण हैं जैसे –

🔥 मुख्य कारण

1. पसीना और नमी – पैरों में स्वेद ग्रंथियां (Sweat Glands) अधिक होती हैं, जब ये जूतों में बंद हो जाती हैं तो नमी पैदा करती है। और पसीना आता है जिससे कि नमी बनी रहती है और थोड़ी देर बाद भयंकर बदबू आने लगती है ।

2. बैक्टीरिया और फंगस – नम वातावरण बैक्टीरिया और फंगस के लिए उपयोगी होते है। यही सूक्ष्मजीव बदबूदार गैसें उत्पन्न करते हैं जोकि बदबू आने का कारण बनती हैं।

3. गंदे मोज़े – रोज़-रोज़ वही मोज़े पहनने से पसीना और बैक्टीरिया की वृद्धि हो जाती हैं और जमा होकर बदबू को बढ़ाते हैं।

4. सांस न लेने वाले जूते – सिंथेटिक लेदर के जूते हवा को पास नहीं होने देते, जिससे नमी बनी रहते है जिसके कारण बदबू आती है। कभी-कभी नकली लेदर जूतों में उपयोग किया जाता है जो भी बदबू आने का कारण बनता हैं।

5. साफ-सफाई की कमी – कभी-कभी हम लंबे समय तक जूतों को उपयोग में लेते रहते है और उनकी उपयुक्त साफ़ सफाई नहीं करते जिसके कारण जूतों में से बदबू आने लगती हैं।

6. पैरों की बीमारियाँ – कई व्यक्तियो को पैरों की बीमारियाँ जैसे फंगल इन्फेक्शन (Athlete’s Foot) जैसी बीमारियाँ हो जाती हैं जिसके कारण जूतों से बदबू आती हैं।

यानी बदबू = पसीना + बैक्टीरिया + गंदगी का कॉम्बिनेशन जूतों से आने वाली बदबू का कारण।

3. कुछ घरेलू उपाय 👉 पावरफुल और असरदार

1. नींबू

यदि जूतों से बदबू आए तो जूते में नींबू का छिलका रख दीजिए, नींबू की ताजगी वाली खुशबू जूतों की बदबू को पलभर में सोख लेती है।

2. बेकिंग सोडा

जूतों की बदबू के लिए बेकिंग सोडा एक नैचुरल डिओड्रेंट है। बेकिंग सोडा का डिओड्रेंट रात को जूतों में छिड़क दें और सुबह झाड़ दें जिससे बदबू और नमी दोनों खत्म हो जाएगी।

3. टी-बैग ट्रिक

सुखा हुआ टी-बैग जूतों में डालने से यह नमी को खींच लेता है और ताजगी छोड़ता है जिससे जूतों की बदबू को खत्म किया जा सकता है।

🌞 4. धूप का असर

जूतों को अच्छे से धोकर धूप में अच्छी तरह से सूखना चाहिए। यह सबसे सस्ता असरदार तरीका है। सूरज की किरणें बैक्टीरिया को खत्म कर देती है जिससे जूतों में से बदबू आना बंद हो जाती हैं।

5. मोज़े

हमें हमेशा कॉटन के साफ मोज़े पहनेंने चाहिए। नायलॉन के मोज़े पसीना रोकते हैं और बदबू बढ़ाते हैं।

6. डिओड्रेंट ट्रिक

जूते पहनने से पहले पैरों पर हल्का डिओड्रेंट या टैल्कम पाउडर लगाएँ जिससे पसीना रुकेगा, और जूतो की बदबू नहीं आयेगी।

7. सिरके का करिश्मा

एक कपड़ा ले कपड़े को सिरके में भिगोकर जूते को अंदर से पोंछें क्योंकि सिरका बैक्टीरिया को मार देता है।

8. चारकोल

एक्टिवेटेड चारकोल को जूतों में रखें जिससे यह नमी और बदबू दोनों को खींच लेगा । जिससे जूतों की बदबू नहीं आयेगी।

🌿 9. लैवेंडर या नीम पत्ते

जूतो में नीम या लैवेंडर की पत्तियाँ डालें जिससे एंटीबैक्टीरियल और खुशबूदार असर होगा।

10. फ्रीज़र ट्रिक

जूते को पॉलिथिन में डालकर फ्रीज़र में कुछ घंटों के लिए रख सकते है जिससे ठंड से बैक्टीरिया मर जाएंगे जोकि बदबू आने का कारण होते है।

4. टेक्नोलॉजी की मदद से

1. एंटीबैक्टीरियल स्प्रे – बाजार में खास जूतों के स्प्रे आते हैं उनको उपयोग में ला सकते है।

2. शू डिओड्रेंट बॉल्स –ये छोटी – छोटी बॉल्स के रुप मे आते है जिन्हें जूतों के अंदर रखा जा सकता है।

3. सिलिका जेल पैक – सिलिका जेल नमी सोखने के लिए उपयोग की जाती हैं।

4. यूवी शू ड्रायर – ऐसे कुछ खास डिवाइस आते हैं जो यूवी लाइट से बैक्टीरिया मारते हैं। परंतु यह थोड़ा महंगा पड़ सकता है।

5. जूतो की बदबू को रोकने के लिए क्या क्या करे

1. रोज़ाना जूतों को हवा लगाएँ।

2. एक ही जूते रोज़ मत पहनें, बदल-बदलकर इस्तेमाल करें।

3. पैरों को रोज़ साबुन से धोएँ और सुखाएँ।

4. मोज़े कभी दोबारा बिना धोएं न पहनें।

5. पैरों की फंगल बीमारी का तुरंत इलाज करें।

6. जूतों की बदबू

कई लोग बदबू के डर से जूते उतारने से बचते हैं, जिससे आत्मविश्वास कम हो जाता है। लेकिन अगर आप ऊपर बताए नुस्खे अपनाते हैं, तो आप किसी भी जगह जूते उतार सकते हैं – मंदिर, घर, पार्टी कही भी वो भी बिना झिझक के। यही असली पावरफुल पर्सनालिटी है।

7. बदबू से आज़ादी 😊

जूतो की बदबू कोई छोटी समस्या नहीं है, बल्कि यह हमारी पर्सनालिटी और स्वास्थ दोनों को प्रभावित करती है। और हम कैसे व्यक्ति है इसका पता चलता है ।

अगर आप इन घरेलू नुस्खों और आधुनिक उपायों को अपनाते हैं, तो आपके जूते हमेशा इस तरह से रहेंगे 👇

• ताज़गी भरे

• बदबू से दूर

•आत्मविश्वास बढ़ाने वाले

रूरल वाटर कनेक्टिविटी योजना क्या है

🌊 रूरल वाटर कनेक्टिविटी योजना – गांव – गांव ,घर-घर तक जल पहुंचाना का संकल्प 🌊

भारत का हृदय यानी कि दिल उसके गाँवों में बसता है। और जब तक गाँवों की रोम रोम की नाड़ियों में जीवनदायिनी शरीर को जीवित रखने वाली जलधारा नहीं बहेगी, रूरल वाटर कनेक्टिविटी योजना क्या है , तब तक विकास होने वाला कार्य अधूरा रहेगा। इसी सोच से जन्म लेती है और उत्पन्न होती है । जिसका लक्ष्य है – हर ग्रामीण का घर तक स्वच्छ, साफ सूत्र एवं सुरक्षित और निरंतर पेयजल पीने वाला पानी नहीं मिल रहा है आपूर्ति पहुँचाना।

यह योजना कार्य केवल पेय जल उपलब्ध कराने की परियोजना नहीं, बल्कि यह एक जल-क्रांति है। इसका उद्देश्य है – ग्रामीण भारत की जीवनशैली को बदलना, और मानव के जीवन पर प्रभाव को बदलता है महिलाओं को सिर पर मटके ढोने की मजबूरी से मुक्त करना, और कुआं में से बाल्टी और रस्सी की सहायता से खींच कर पानी निकालना किसानों को सिंचाई हेतु चरखा से पानी कुआं से पानी निकाल कर सिंचाई बैलों के द्वारा की जाती है पानी उपलब्ध कराना और बच्चों को स्वच्छ जल से होने वाली बीमारियों से बचाना। स्वच्छ पानी पियेंगे तो बच्चे और बुजुर्ग बीमार नहीं पड़ेंगे और सेहत अच्छी रहेगी ।

🔹 योजना का मूल दर्शन

रूरल वाटर कनेक्टिविटी योजना का मूल दर्शन है –

1. हर घर नल से जल – किसी भी ग्रामीण परिवार को प्यासा न छोड़ा जाए। और हर घर तक पानी पहुंचे और प्यासे न रहे

2. समानता का जल अधिकार – चाहे दलित बस्ती हो, निम्न वर्ग के लोग हो या आदिवासी  चमार इलाका या पिछड़ा गांव – सभी को समान अवसर और समानता का अधिकार मिलना चाहिए इसमें छोटे बड़े के भेदभाव को हटाकर सबको एक जैसा पानी देने का संकल्प लिया गया है

3. स्वास्थ्य की गारंटी – गंदे पानी से या खराब पानी से फैलने वाली मलेरिया या अन्य  बीमारियों को जड़ से समाप्त करना और स्वच्छ भारत का बीड़ा उठाया है

4. ग्राम स्वराज का आधार – पानी की आपूर्ति और प्रबंधन में गांव की सक्रिय भागीदारी। पानी नहीं है तो उसको पूरा पानी पूरा मिलना चाहिए और सबको मिलने के लिए पानी यह ग्राम स्वराज का  आधार हैं

🔹 मुख्य विशेषताएँ

1. नल कनेक्शन का प्रावधान – हर ग्रामीण के परिवार के  घर-घर तक सीधा पाइपलाइन के द्वारा हर घर तक स्वच्छ साफ सूत्र पेयजल पहुँचाना।

2. भूजल और सतही जल का समन्वय – कुएँ, तालाब, नहर, नदी और भूजल का संतुलित उपयोग। इसका उपयोग सिंचाई के रूप में किया जा सकता है और पेयजल के रूप में भी उपयोग करते हैं

3. सौर ऊर्जा से संचालित पंपिंग स्टेशन – बिजली की कमी वाले गाँवों में भी जल आपूर्ति निर्बाध। 24 घंटे पानी उपलब्ध कराना सौर ऊर्जा का काम है

4. समुदाय आधारित प्रबंधन – ग्राम जल समितियों का गठन, ताकि किसी भी व्यक्ति को कोई दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा और जिसमें ग्रामीण स्वयं रखरखाव और देखरेख करेंगे।

5. आधुनिक तकनीक का उपयोग – सेंसर, स्मार्ट मीटरिंग और डिजिटल मॉनिटरिंग के जरिए जल वितरण। पेयजल प्रधान करना

6. स्वच्छता से जुड़ाव – पीने योग्य पानी के साथ-साथ स्वच्छता और जल संरक्षण पर भी ज़ोर। दे रही है सरकार यह सरकार हमारी हितेषी है

🔹 लाभ और प्रभाव

1. महिलाओं की मुक्ति

ग्रामीण महिलाएँ रोज़ाना कुआं के अंदर से बाल्टी के द्वारा पानी निकाल कर बहुत  किलोमीटर दूर से पानी भरकर लाती थीं। यह योजना उन्हें उस बोझ से आज़ादी देती है ताकि महिला को परेशानी वह मेहनत नहीं करनी पड़ेगी और उनके समय व श्रम की बचत होती है। और समय के पहले पानी पीने के लिए मिल जाएगा

2. स्वास्थ्य सुरक्षा

गंदे पानी से टायफॉइड, डायरिया, हैजा, फ्लोराइड और आर्सेनिक की समस्या होती है। यह योजना ग्रामीण भारत को इन जानलेवा रोगों से छुटकारा पा सके और जान को बचाएं और  सुरक्षित करती है।

3. शिक्षा को बल

जब बच्चों को दूर से पानी लाने की मजबूरी नहीं होगी और बीमारियाँ कम होंगी, तो उनकी स्कूल उपस्थिति और शिक्षा स्तर बढ़ेगा।

4. कृषि को मजबूती

सिंचाई सुविधाओं के बेहतर प्रबंधन से किसान कम लागत में ज्यादा उत्पादन कर पाएंगे। यह योजना अन्नदाता की समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करती है।

5. गांव का समग्र विकास

पानी मिलने से गाँवों में स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता और रोजगार के नए अवसर पैदा होते हैं। यह योजना गांव को आत्मनिर्भर बनाने का आधार बनती है।

🔹 योजना के दूरगामी परिणाम

ग्रामीण पलायन में कमी आएगी, क्योंकि गांवों में पानी और सुविधाएँ होंगी।

समाज में स्वच्छता और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।

जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन को प्राथमिकता मिलेगी।“सर्वजन हिताय – सर्वजन सुखाय” के भाव से समान विकास संभव होगा।

🔹 निष्कर्ष

रूरल वाटर कनेक्टिविटी योजना केवल पानी पहुंचाने की पहल नहीं है, यह एक राष्ट्रीय संकल्प है – गाँवों को तरक्की की धारा से जोड़ने का।
यह योजना भारत के ग्रामीण जनजीवन को प्यास से राहत, स्वास्थ्य से सुरक्षा और समृद्धि से परिपूर्ण करती है।

👉 यह सिर्फ़ जल की आपूर्ति नहीं, बल्कि गांव-गांव तक जीवन की नयी धड़कन है।

जीडीपी अपस्फीतिकारक क्या है ? इन हिंदी

जीडीपी जिसका पूर्ण रूप होता है – सकल घरेलू उत्पाद (In English – Gross Domestic Product)। GDP Deflator एक मूल्य सूचकांक (Price Index) है, जो किसी देश की अर्थव्यवस्था में उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के मूल्य स्तर को दर्शाता है। आज हम जीडीपी अपस्फीतिकारक क्या है ? इन हिंदी के बारे में सब कुछ जानेंगे।

1.जीडीपी अपस्फीतिकारक क्या है?

GDP किसी देश की अर्थव्यवस्था में वस्तुओं और सेवाओं के कीमतों में कुल मिलाकर कितना परिवर्तन (मुद्रास्फीति या अपस्फीति) हुआ है के बारे मे जानकारी देता है।यह बताता है कि आर्थिक वृद्धि वास्तविक है या सिर्फ कीमतों में वृद्धि के कारण है। जिससे महंगाई बढ़ रही है ।

2.GDP अपस्फीतिकारक को मूल्य सूचकांक (price Index) क्यों कहा जाता है?

GDP Deflator (अपस्फीतिकारक) यह बताता है कि किसी अर्थव्यवस्था में एक निश्चित समय (साल या तिमाही) के दौरान संपूर्ण वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य स्तर (Price Level) में कितना परिवर्तन हुआ है। अर्थात महंगाई (Inflation) या अपस्फीति (Deflation) को मापने का एक व्यापक पैमाना है। Price Index का अर्थ होता है “किसी अवधि में वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य स्तर का मापन” जिससे deflator का पता लगाया जाता हैं। GDP Deflator में अर्थव्यवस्था के भीतर उत्पादित सभी वस्तुएँ और सेवाएँ आती हैं।इसलिए यह मूल्य स्तर का व्यापक माप है।

3.जीडीपी अपस्फीतिकारक का सूत्र क्या है?

Nominal GDP(सांकेतिक जीडीपी) → वह GDP जो मौजूदा बाजार मूल्य पर मापी जाती है (यानी महंगाई को शामिल करती है)। इसमें मुद्रास्फीति (Inflation) का प्रभाव शामिल होता है।

Real GDP (वास्तविक जीडीपी)→ वह GDP जो आधार वर्ष (Base Year) के स्थिर दामों पर मापी जाती है (महंगाई को हटा दिया जाता है)। इसमें मुद्रास्फीति का प्रभाव हटा दिया जाता है। यह वास्तविक उत्पादन वृद्धि को दिखाता है।

उदाहरण – यदि 2024 में Nominal GDP = ₹2000 करोड़ है और Real GDP = ₹1600 करोड़ है तब 2000÷1600×100 =125

इसका मतलब यह है कि आधार वर्ष की तुलना में कीमतें 25% बढ़ चुकी हैं।

4.CPI (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक)और GDP(जीडीपी अपस्फीतिकारक) Deflator में क्या अंतर है?

चरणCPI (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक)GDP (जीडीपी अपस्फीतिकारक)
परिभाषाउपभोक्ता द्वारा खरीदी जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं की तय की गई कीमतों में बदलाव को मापता है । अर्थव्यवस्था में उत्पादित सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में बदलाव मापता है ।
आधार (base) स्वास्थ्य , शिक्षा ,खाद्य , वस्त्र आदि । नॉमिनल जीडीपी ÷वास्तविक जीडीपी ×100
स्कोपकेवल उपभोक्ता वस्तुएं और सेवाएं शामिल की गई है ।सभी घरेलू उत्पादित वस्तुएं एवं सेवाएं शामिल की है ।
आयतित वस्तुएंआदित्य वस्तु में शामिल होती है क्योंकि उपभोक्ताओं उन्हे खरीदते हैं ।शामिल नहीं होती क्योंकि केवल घरेलू उत्पादन गिना जाता हैं।
स्थिरतासंरचना नहीं बदलती हैं।जीडीपी की संरचना बदलने पर यह भी बदल जाता हैं।
उपयोगआम जनता की महंगाई जीवन स्तर और वेतन भत्ते तय करने में उपयोग किया जाता हैं।व्यापक आर्थिक नीति महंगाई नियंत्रण और वास्तविक वृद्धि मापने में इसका उपयोग किया जाता है ।

5.GDP (Gross Domestic Product ) सकल घरेलू उत्पाद) के प्रकार कौन कौन से हैं? 🤔

(1)Nominal GDP (सांकेतिक जीडीपी) – यह GDP मौजूदा बाजार कीमतों (Current Prices) पर मापा जाता है। इसमें मुद्रास्फीति (Inflation) का प्रभाव शामिल होता है।

(2)Real GDP (वास्तविक जीडीपी) – यह GDP आधार वर्ष (Base Year) की स्थिर कीमतों पर मापा जाता है।यह वास्तविक उत्पादन वृद्धि को दिखाता है।

(3)GDP at Market Price (बाज़ार मूल्य पर जीडीपी) – यह GDP बाजार कीमतों पर मापा जाता है।इसमें कर (Taxes) और सब्सिडी (Subsidies) शामिल किया जाता हैं।

(4)GDP at Factor Cost (कारक लागत पर जीडीपी)- इसमें केवल उत्पादन कारकों (श्रम, पूंजी, भूमि आदि) द्वारा प्राप्त आय को शामिल किया जाता है।कर और सब्सिडी को समायोजित करके निकाला जाता है।

(5)Per Capita GDP (प्रति व्यक्ति जीडीपी) – इसका उपयोग देशों की जीवन स्तर (Standard of Living) की तुलना के लिए किया जाता है।

(6)GDP (PPP) Purchasing Power Parity -इसमें देशों के बीच क्रय शक्ति (Purchasing Power) की तुलना की जाती है। यह देशों के जीवन स्तर की बेहतर तुलना देता है।

(7)Green GDP (हरित जीडीपी) – इसमें पारंपरिक GDP से पर्यावरणीय क्षति और प्राकृतिक संसाधनों की हानि को घटाकर आँका जाता है। यह टिकाऊ विकास (Sustainable Development) का सूचक है।

विकसित भारत योजना में कोन कोन सी योजना है

विकसित भारत अभियान (Viksit Bharat Abhiyan) एक राष्ट्रीय स्तर का अभियान है। विकसित भारत योजना में कोन कोन सी योजना है आज हम जानेंगे, जिसे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भारत देश को सन 2047 तक विकसित बनाने के लक्ष्य के साथ शुरू किया है। इस अभियान का उद्देश्य है कि भारत वर्ष 2047 तक एक आत्मनिर्भर, समृद्ध और विकसित राष्ट्र बने। जब तक स्वतंत्रता के 100 वर्ष भी पूरे हो जाएंगे।

1.विकसित भारत अभियान कब शुरू किया गया?

15 नवम्बर 2023 को (भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर)। यह अभियान 15 नवंबर 2023 को झारखंड के खूंटी से शुरू हुआ था। इसका लक्ष्य पूरे देश में विभिन्न सरकारी कल्याण योजनाओं की जानकारी पहुँचाना था। इसमें 2.60 लाख ग्राम पंचायतों और 4,000+ शहरी स्थानीय निकायों को कवर किया गया, ताकि योजनाएं प्रत्येक क्षेत्र तक पहुँच सके।

2.विकसित भारत अभियान मुख्य लक्ष्य क्या है?

भारत को वर्ष 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाना।विकसित भारत अभियान एक ऐसा राष्ट्रीय आंदोलन है जो जनता को सरकारी योजनाओं से जोड़कर भारत को अगले 2047 वर्ष तक एक सशक्त और आधुनिक राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखता है।

3.अभियान के अंतर्गत कितने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को शामिल किया गया है?

इस अभियान के अंतर्गत भारत के सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेशो को शामिल करना है। बहुत-सी योजनाएं ऐसी हैं जिनके बारे में लोगों को जानकारी नहीं होती। इस अभियान के तहत हर परिवार तक योजनाओं की जानकारी और सेवाएँ पहुँचाई गई।

4-विकसित-भारत-अभियान-के-चार-प्रमुख-स्तंभ-कौन-कौन-से-हैं”?

(1.)आर्थिक विकास 👉 इस योजना के माध्यम से स्टार्टअप और MSME को बढ़ावा देना । मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में भारत का विकास करना जिससे “विकसित भारत अभियान” के अंतर्गत जैसी “विकसित भारत रोजगार योजना 2025” जैसी योजनाओं से करोड़ों युवाओं को रोजगार दिया जा सके।

(2).सामाजिक विकास (Social Inclusion & Welfare) गरीबी का अंत – हर परिवार के लिए भोजन, आवास और स्वास्थ्य जैसी आवश्यकताओं की पूर्ति करना ।100% स्वास्थ्य कवरेज – आयुष्मान भारत का विस्तार, टेलीमेडिसिन, ग्रामीण हेल्थ सेंटर बनवाकर गरीब परिवार को स्वास्थ संबंधी मदद प्रदान करना।

शिक्षा में बदलाव – NEP 2020 का पूरा क्रियान्वयन, आधुनिक कौशल शिक्षा, डिजिटल क्लासरूम जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराना जिससे सभी गरीब स्तर के बच्चे उच्च स्तर की शिक्षा प्राप्त कर सकें ।

महिला सशक्तिकरण – महिलाओं की कार्यबल में भागीदारी दोगुनी करना।और समाज में महिलाओं को पुरुषों के समान बराबरी का दर्जा देना एवं सभी भेदभाव को पूर्ण रूप से खत्म करना ।

डिजिटल इंडिया 2.0: डिजिटल लेन-देन, AI, रोबोटिक्स, क्वांटम टेक्नोलॉजी का उपयोग करना जिससे डिजिटल इंडिया 2.0 का लक्ष्य पूरा हो जो कि माननीय प्रधानमंत्री जी ने घोषित किया था कि भारत को डिजिटल इंडिया बनाना है ।

(3.) वैश्विक नेतृत्व (Global Leadership & Security)

“विश्वगुरु भारत” – सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और योग-आयुर्वेद की वैश्विक पहचान। इस अभियान के अंतर्गत भारत को ग्लोबल सप्लाई चेन का हब बनाना हैं। अंतरिक्ष अनुसंधान (ISRO) को विश्व स्तर पर शीर्ष 3 देशों में लाकर रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता (Make in India Defence) बनाना है। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी भारत को विज्ञान और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अग्रणी बनाना चाहते हैं।

(4.) बुनियादी ढाँचा और पर्यावरण (Infrastructure & Sustainability)

इस अभियान के माध्यम से प्रत्येक गाँव और शहर में 24×7 बिजली और पानी की व्यवस्था करवाना । कृषि का आधुनिकीकरण की ड्रोन तकनीक, स्मार्ट सिंचाई और किसानों की आय दोगुनी से भी अधिक करने की यथासंभव कोशिश करना। ग्रीन एनर्जी: जैसे सौर और पवन ऊर्जा से 50% बिजली की खपत को कम करना । स्मार्ट शहर: आधुनिक परिवहन, मेट्रो नेटवर्क, EV चार्जिंग हब से पूरे देशवासियों को जोड़ना । स्वच्छ भारत के अगले चरण में कचरा प्रबंधन, प्रदूषण मुक्त शहरो का निमार्ण करना।

5. विकसित भारत अभियान के अंतर्गत किन प्रमुख योजनाओं को जोड़ा गया है?

•आर्थिक सशक्तिकरण: प्रधानमंत्री रोजगार योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, जनधन योजना, पीएम विश्वकर्मा योजना इन योजनाओं के अंतर्गत प्रधानमंत्री जी के द्वारा किसानों को सम्मान निधि दी जाती है एवं प्रधानमंत्री रोजगार योजना के अंतर्गत बेरोजगारों को रोजगार दिया जाता है ।

•स्वास्थ्य और सुरक्षा: आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना इन योजनाओं के माध्यम से जो परिवार निचले स्तर से आते हैं जो कि अपने स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाधान आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण नहीं कर पाते हैं उनको सहायता प्रदान करना।

•खाद्य और पोषण: प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के माध्यम से गरीब परिवारों को कम कीमत में एवं मुफ्त राशन प्रदान करना और पोषण संबंधी समस्याओं का समाधान करना ।

•आवास और ऊर्जा: प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, जल जीवन मिशन (हर घर जल) के माध्यम से देश के प्रत्येक नागरिक को स्वयं का आवास और उज्ज्वला योजना के तहत फ्री गैस कनेक्शन प्रदान करना एवं बदल जीवन मिशन के तहत घर-घर पानी की कमी को दूर कर पानी उपलब्ध करवाना ।

•सामाजिक सुरक्षा: अटल पेंशन योजना, स्वामित्व योजना आदि के माध्यम से गरीब परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करना ।

•युवा एवं कौशल: मेरा युवा भारत (MY Bharat) प्लेटफ़ॉर्म, कौशल विकास योजनाएँ जो की विद्यार्थियों को एवं युवाओं को एक अच्छे लेवल तक पहुंचने में मदद करती है।

6. विकसित भारत अभियान का मुख्य फोकस किन वर्गों पर है?

विकसित भारत अभियान योजना के अंतर्गत विशेष रूप से महिलाएँ, किसान, युवा, गरीब और वंचित वर्ग के नागरिकों पर है ।

7.विकसित भारत अभियान का दूसरा नाम क्या है ?

विकसित भारत अभियान का दूसरा नाम विकसित भारत संकल्प यात्रा (Viksit Bharat Sankalp Yatra) है।

8. इस अभियान का नारा क्या है?

विकसित भारत अभियान का नारा उसके नाम और उसके काम के अनुसार रखा गया है “संपूर्ण विकास, सबका प्रयास।”

9.भारत को किस वर्ष तक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा गया है?

भारत को साल 2047 तक विकसित देश बनाने का संकल्प रखा गया है।

2047 तक का अंतिम लक्ष्य

भारत एक ऐसा राष्ट्र बने जहाँ –गरीबी का नामोनिशान न रहे। हर नागरिक को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार उपलब्ध हो सके। भारत सुरक्षित, आत्मनिर्भर और पर्यावरण-हितैषी विकसित देश सके। विश्व की अर्थव्यवस्था में भारत की सबसे बड़ी भूमिका हो।

अभियान की प्रमुख विशेषताएँ

“विकसित भारत संकल्प यात्रा” के रूप में इसकी शुरुआत हुई (15 नवंबर 2023 से), जिसमें विशेष वैन और शिविरों के ज़रिए गाँवों और शहरों में योजनाओं का प्रचार और लाभ वितरण किया गया।इसमें युवाओं, महिलाओं, किसानों, गरीबों और वंचित वर्गो पर विशेष ध्यान दिया गया है।लोकल भाषा और ऑडियो-वीडियो सामग्री का उपयोग करके जागरूकता फैलाई गई।

सरकारी परीक्षा की तैयारी करने के लिए सबसे अच्छी फ्री वेबसाइट कौन सी है ?

वर्तमान समय में सभी युवा वर्गों के बीच में सरकारी नौकरी को लेकर अलग ही क्रेज़ है । यह एक ऐसा दौर है जहां पर सभी युवा एक सरकारी नौकरी की तलाश में रहते हैं और वह हर संभव प्रयास करते हैं नौकरी पाने की जिससे उनके मन मस्तिष्क में यह प्रश्न जरूर आता है कि आखिर कैसे सरकारी नौकरी की तैयारी की जाए तो आज हम चर्चा करेंग। सरकारी परीक्षा की तैयारी करने के लिए सबसे अच्छी फ्री वेबसाइट कौन सी है ? की ।

किसी भी सरकारी नौकरी या प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने के लिए एक भरोसेमंद सामग्री का होना बहुत ही आवश्यक है । जिससे कि विद्यार्थी कम समय में अपने लक्ष्य को हासिल कर सके । इंटरनेट की मदद से अब प्रत्येक गांव गांव से विद्यार्थी अपने लक्ष्य को पूरा करने में लगे हुए हैं लेकिन बात आती है विश्वास की और उपयुक्त सामग्री की । हमने गहन अध्ययन करने के बाद इन 10 वेबसाइट को चुना है जो कि कम दाम में एक भरोसेमंद सामग्री प्रदान करती है ।

सरकारी परीक्षा की तैयारी करने के लिए सबसे अच्छी फ्री वेबसाइट कौन सी है ?

सरकारी नौकरी की तैयारी करने के लिए 10 बेस्ट वेबसाइट्स

1. Test book (टेस्टबुक क्या है?)

Text book पर लगभग सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए एक भरोसेमंद सामग्री बहुत ही कम कीमत में उपलब्ध है । इसमें किसी भी परीक्षा की पैटर्न से लेकर सिलेबस तक और ऑनलाइन मॉक टेस्ट की सुविधा है । इस प्लेटफार्म की मदद से छात्र अपनी तैयारी को सही ट्रैक पर ले जा सकते हैं ।

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2.Adda 247

यह प्लेटफॉर्म कम कीमत में एसएससी बैंकिंग रेलवे जैसी अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाती है । इसमें आपको प्रतिदिन फ्री क्विज अटेंप्ट करने का मौका मिलता है । इसमें मॉक टेस्ट के साथ-साथ ई बुक्स एवं करंट अफेयर्स भी प्रोवाइड किए जाते हैं

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3.Oliveboard

यह अपने आप में competitors के लिए एक बहुत ही अच्छा प्लेटफार्म है । इसमें वह अपनी तैयारी के Level को पहचान सकता है । यह प्लेटफॉर्म मुख्यतः मीडियम से हाई मॉक टेस्ट प्रोवाइड करता है ।

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4.career Power

करियर पावर प्लेटफॉर्म मुख्यतः SSC एग्जाम्स जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाती है । इसमें आपको मॉक टेस्ट के साथ-साथ लाइव क्लास अटेंड करने का भी मौका मिलता है ।

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5.StudyIQ

यह प्लेटफॉर्म मुख्यतः सबसे कठिन माने जाने वाली परीक्षाओं में से एक UPSC जैसे परीक्षाओं के लिए करंट अफेयर्स प्रोवाइड करती है। इस प्लेटफार्म पर आपको सभी प्रकार के करंट अफेयर्स प्राप्त हो सकते हैं । इस प्लेटफार्म की मदद से आप स्टेटस एग्जाम एमपीपीएससी जैसे एग्जाम की तैयारी कर सकते हैं।

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6.Gradeup (Byju’s)

यह प्लेटफॉर्म लाइव क्लासेस , group discussion , और डाउट क्लीयरिंग सेशन के लिए जाना जाता है । प्लेटफार्म की मदद से आप एसएससी एग्जाम्स , बैंकिंग एग्जाम्स एवं टीचिंग एग्जाम्स, की तैयारी कर सकते हैं और अपनी तैयारी को उपयुक्त ट्रैक पर ले जा सकते हैं ।

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7. TestRanking

Testranking platform मुख्यतः एसएससी एग्जाम्स की प्रिपरेशन करवाता है इसमें कम कीमत में अच्छे लेवल की मॉक टेस्ट उपलब्ध है। इसमें एसएससी के सभी लेवल के एग्जाम्स के मॉक टेस्ट के साथ-साथ सेक्शनल टेस्ट भी उपलब्ध है ।

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8.RBE (Revaluation by education)

RBE प्लेटफॉर्म एसएससी एग्जाम्स की तैयारी करवाता है । इसमें डीप एनालिसिस की फैसिलिटी मिलती है। इस प्लेटफार्म में मॉक टेस्ट के सभी क्वेश्चंस ko live classes के माध्यम से हल करवाया जाता है ।

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9.KD campus

यह प्लेटफार्म प्रतियोगी परीक्षाओं में से एक एसएससी एग्जाम्स की तैयारी करवाता है इस प्लेटफार्म में फुल लेंथ मॉक टेस्ट एवं सेक्शनल मॉक टेस्ट उपलब्ध है। जिन भी छात्रों की इंग्लिश लैंग्वेज कमजोर है और वह इस सब्जेक्ट की वजह से कोई भी एग्जाम फाइट नहीं कर पा रहे हैं तो वह इस ऐप के माध्यम से इस सब्जेक्ट की अच्छे से तैयारी कर सकते हैं क्योंकि यह ऐप इंग्लिश बुक भी प्रोवाइड करती है ।

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10. PW(Physics wallah)

यह प्लेटफार्म सबसे पॉपुलर प्लेटफार्म है। इसके आपको ऑफलाइन सेंटर भी मिल जाएंगे । यह प्रमुख रूप से एंटरेंस एग्जाम्स जैसे NEET, JEE के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन इसकी कई शाखाएं कॉम्पिटेटिव एग्जाम्स जैसे एसएससी , बैंकिंग की भी तैयारी करवाते हैं ।

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कौन सी जॉब साइट असली है?

Conclusion

किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए उपयुक्त एवं में भरोसेमंद प्लेटफार्म का होना आवश्यक है ऊपर दिए गए सभी वेबसाइटों की जानकारी भरोसेमंद एवं उपयुक्त है लगातार तैयारी और उपयुक्त सामग्री आपको अपने लक्ष्य की और नई दिशा दे सकती है।

“पोलाः बैलों के प्रति आभार और ग्रामीण संस्कृति का उत्सव”

“पोलाः बैलों के प्रति आभार और ग्रामीण संस्कृति का उत्सव” यह हमें सिखाता है कि सिर्फ़ इंसान ही नहीं, बल्कि पशु की मेहनत का भी सम्मान होना चाहिए । यह प्रमुख रूप से महाराष्ट्र का त्यौहार है। इसके अलावा यह त्यौहार मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ और विदर्भ क्षेत्रो में भी मनाया जाता है ।

🤔 महाराष्ट्र में यह त्यौहार कब मनाया जाता है ?

महाराष्ट्र का यह प्रमुख त्योहार भाद्रपद मास की अमावस्या को मनाया जाता है। यह प्रमुख रूप से किसानों का त्यौहार है। यह त्यौहार इस साल 22 अगस्त 2025 दिन शुक्रवार सुबह से शुरू होकर अगले दिन यानी 23 अगस्त 2025 दिन शनिवार तक मनाया जाएगा ।

क्या है इस त्यौहार की मुख्य बातें ?

1. इस दिन बैलों को अच्छे से नहलाकर सजाया जाता है , और उनके सिंगो में रंग लगाया जाता है ।

2. उन्हें नए मोरखा के साथ सजाया जाता है यह मोरखा उनके नाक में पहनाया जाता है । कई नई प्रकार की मलाई पहनाई जाती हैं जिससे बैल बहुत सुंदर दिखते हैं ।

3. पूजा के बाद बैलों को मैदान में ले जाया जाता है और उसे और उनका ढोल नगाड़ों के साथ जुलूस निकाला जाता है । जुलूस के समय तोरण लगाई जाती है ।

4. कई व्यक्ति और बच्चे लकड़ी और मिट्टी के बैल (चन्ना पोला) बनाकर उनकी पूजा करते है।

🌾 बैलों की पूजा क्या है?

👉 बैल की पूजा का अर्थ है किसान अपने खेत के साथी, मेहनत के सच्चे साथी — बैल — को भगवान की तरह मानकर उसकी सेवा, सजावट और आराधना करता है। यह त्यौहार किसानों के लिए कृतज्ञता व्यक्त करने का पर्व है क्योंकि बेल उनकी खेती का मुख्य साधन होते हैं । यह समय खरीफ की फसल की अच्छी वृद्धि और बारिश के मौसम के बीच का होता है ।

🐂 क्यों की जाती है बैल पूजा?

  1. मेहनत का सम्मान – बैल खेत जोतता है, हल चलाता है और किसान का मुख्य सहायक होता है।
  2. धार्मिक मान्यता – बैल को भगवान शिव के वाहन नंदी का प्रतीक माना गया है।
  3. प्रकृति का आभार – बैल धरती से जुड़ा है, इसलिए उसकी पूजा करना धरती माता को धन्यवाद देने जैसा है।
  4. सामाजिक संदेश – यह हमें सिखाता है कि सिर्फ़ इंसान ही नहीं, बल्कि पशु की मेहनत का भी सम्मान होना चाहिए।

विशेष महत्व

इस दिन बैल को परिवार का सदस्य माना जाता है।

माना जाता है कि बैल की पूजा करने से फसल अच्छी होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है।

यह त्योहार किसानों के जीवन में खुशहाली और भाईचारे का प्रतीक है ।यह प्रकृति पशु और मानव के बीच संतुलन का प्रतीक भी है । आजकल शहरों में भी पोला त्यौहार सांस्कृतिक कार्यक्रम और ग्रामीण मेलों के रूप में भी मनाए जाने लगा है ।

इस दिन महाराष्ट्र का नागपुर में शराब की दुकान बंद रखी जाती है ताकि त्यौहार का माहौल शांति और अनुशासन से भरा रहे । सोशल मीडिया पर भी ग्रामीण इलाकों द्वारा खूब वीडियो वायरल और फोटो वायरल होती है । इस दिन बैलों को खास भजन पूरी खीर भजिए गुड़ चना आदि खिलाया जाता है ।

किसान हल, जुआ और कृषि उपकरणों की भी पूजा करते हैं ।

🖍️पोला पर्व पर कविता (“पोलाः बैलों के प्रति आभार और ग्रामीण संस्कृति का उत्सव”)

“पोला आया खेतों में”

पोला आया खेतों में खुशियां लाया गांव में,

सजे बैल रंग-बिरंगे ढोल बजाए ताव।

घंटिया छन-छन बजती रुनझुन करता राग,

किसान करें आभार प्रकट बैलों का ये त्याग ।

मिट्टी के बैल सजाते नन्हे नन्हें हाथ,

तानी पोला का उत्सव भर दे खुशियो की बात ।

खेत हल और मेहनत का सम्मान है ये दिन ,

पोला पर्व मना सब रखे संस्कृति को गिन ।

इस त्यौहार को मनाने का उद्देश्य हमारी संस्कृति को बचाए रखना है । हमारे आने वाली पीढ़ी याद रखें यह परंपरा को आगे चलाएं इस त्यौहार को याद रख सके यह त्योहार मध्य प्रदेश महाराष्ट्र छत्तीसगढ़ कर्नाटक तमिलनाडु अन्य राज्य में धूमधाम और गाजे बाजे से मनाया जाता है यह त्यौहार आने से पहले इसका इंतजार किया जाता है ।

 “15 अगस्त 2025 — नया भारत, नई उड़ान।” 🚀

15 अगस्त 2025 — नया भारत, नई उड़ान।” 15 अगस्त 1947 – वो रात जब भारत ने गुलामी की जंजीरें तोड़ीं और आज़ादी की कीमत खून, आंसू और बलिदान से चुकाई।”
“ये सिर्फ़ आज़ादी नहीं थी, ये करोड़ों शहीदों के लहू से लिखा हुआ इतिहास था।”


“आज़ादी @78: नया भारत, नई मंज़िल”

क्यों मनाया जाता है?

15 अगस्त वह दिन है जब भारत ने 200 साल से अधिक की अंग्रेज़ी गुलामी की बेड़ियां तोड़ीं और 1947 में आधी रात को आज़ादी की पहली सांस ली। यह सिर्फ़ एक तारीख़ नहीं, बल्कि करोड़ों बलिदानों, संघर्षों और त्याग की परिणति है। यह वह दिन है जब देश ने अपने भाग्य का फैसला खुद करना शुरू किया, और “हम भारत के लोग” अपनी पहचान, अपने संविधान और अपने सपनों के मालिक बने।

इतिहास की गूंज:1857 की क्रांति से लेकर जलियांवाला बाग़, नमक सत्याग्रह और भारत छोड़ो आंदोलन तक, हर संघर्ष में लाखों वीरों ने अपने प्राण न्यौछावर किए।भगत सिंह की फांसी, नेताजी का “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा” का आह्वान, और गांधीजी का अहिंसा का मार्ग—इन सबने आज़ादी की ज्वाला जलाए रखी।15 अगस्त 1947 को पंडित नेहरू ने “नियति से साक्षात्कार” (Tryst with Destiny) भाषण में दुनिया को घोषणा दी कि भारत स्वतंत्र है।

इतिहास की गूंज: (“15 अगस्त 2025 — नया भारत, नई उड़ान।” 🚀)

1857 की क्रांति से लेकर जलियांवाला बाग़, नमक सत्याग्रह और भारत छोड़ो आंदोलन तक, हर संघर्ष में लाखों वीरों ने अपने प्राण न्यौछावर किए।भगत सिंह की फांसी, नेताजी का “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा” का आह्वान, और गांधीजी का अहिंसा का मार्ग—इन सबने आज़ादी की ज्वाला जलाए रखी।15 अगस्त 1947 को पंडित नेहरू ने “नियति से साक्षात्कार” (Tryst with Destiny) भाषण में दुनिया को घोषणा दी कि भारत स्वतंत्र है।

आज के भारत में महत्व:

यह दिन हमें याद दिलाता है कि आज़ादी मुफ्त में नहीं मिली—यह लहू और आंसुओं से लिखी गई थी।यह हमें प्रेरित करता है कि हम भ्रष्टाचार, गरीबी और भेदभाव की बेड़ियां भी तोड़ें, ताकि असली स्वतंत्रता हर भारतीय तक पहुंचे।2025 में, “15 अगस्त 2025 — नया भारत, नई उड़ान।” 🚀 संकल्प, 78 वर्षों की उपलब्धियों और आने वाले भविष्य के विज़न का प्रतीक है।

15 अगस्त 1947 – वो रात जब भारत ने जंजीरें तोड़ीं अंग्रेज़ी साम्राज्य की 200 साल पुरानी जंजीरें…
लाखों लाशों के ढेर…
करोड़ों चीखें…
और एक लाल सूरज जो आज़ादी की पहली किरण लेकर आया।

उस दिन भारत एक साथ हंसा भी… और रोया भी।रात के ठीक 12 बजे दिल्ली की फिज़ाओं में एक अजीब खामोशी थी। संसद भवन के भीतर पंडित जवाहरलाल नेहरू ने “नियति से साक्षात्कार” का भाषण दिया — और बाहर भीड़ में आंखों से आंसू बह रहे थे।भारत का तिरंगा पहली बार लाल किले पर लहराया, जैसे हवाएं भी कह रही हों — “हम आज़ाद हैं!”

लेकिन उसी समय, देश की सीमा पर बंटवारे का खून बह रहा था। ट्रेनें लाशों से भरी आ रही थीं, और पंजाब व बंगाल में हज़ारों गांव जलाए जा रहे थे।महात्मा गांधी इस जश्न से दूर, कलकत्ता की गलियों में दंगे रोकने में लगे थे, क्योंकि उन्हें पता था कि आज़ादी के साथ खून की होली भी खेली जा रही है।

खतरनाक सच्चाई:
आज़ादी एक सौगात थी… लेकिन इसकी कीमत इतनी डरावनी थी कि सुनकर रूह कांप जाए।करीब 10 लाख लोग बंटवारे में मारे गए।1.4 करोड़ लोग अपना घर-बार छोड़ने पर मजबूर हुए।औरतों के साथ अमानवीय हिंसा हुई, बच्चों को छीन लिया गया, और भाई-भाई दुश्मन बन गए।उस रात का मंजर:
लाल किले के नीचे भीड़ झूम रही थी, लेकिन सीमा पार से लपटें उठ रही थीं। कहीं “वंदे मातरम” गूंज रहा था, तो कहीं चीखें और गोलियों की आवाज़ें। यह आज़ादी थी — लेकिन खून से सनी हुई, दर्द से भरी हुई।

🔥”MP Anganwadi Bharti 2025: नाम छूट गया तो परेशान न हों – Direct Link”

मध्यप्रदेश आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका की मेरिट लिस्ट 2025 भर्ती परीक्षा का रिजल्ट वेबसाइट पर जारी कर दिया गया है । MP Anganwadi Bharti 2025: नाम छूट गया तो परेशान न हों – Direct Link” से उम्मीदवार लोक संचालनालय महिला एवं बाल विकास की ऑफिशल वेबसाइट के माध्यम से मध्यप्रदेश आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका की मेरिट लिस्ट 2025 डाउनलोड कर सकते हैं। आंगनबाड़ी भर्ती में चयन प्रक्रिया आमतौर पर अकादमिक अंकों पर आधारित थी । इस परीक्षा में कोई लिखित परीक्षा नहीं थी । आंगनबाड़ी भर्ती में आवेदिका के गांव या वार्ड की महिला को प्राथमिकता दी जाती है ।

मध्य प्रदेश आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका की मेरिट लिस्ट 2025 डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें :

• सबसे पहले आपको मध्य प्रदेश महिला एवं बाल विकास विभाग की आधिकारिक वेबसाइट (ऑफिशियल वेबसाइट)पर जाना है ।

•ऑफिशल वेबसाइट पर आपको आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रिक्त पदों की अनंत्तम सूची डाउनलोड करने के लिए कुछ स्टेप दिखाई देगी ।

•ऑफिशल वेबसाइट पर आपको सबसे पहले आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रिक्त पदों की अनंत्तम सूची में अपने संभाग का नाम डालना है।

मध्यप्रदेश आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मेरिट लिस्ट 2025 यहा से डाउनलोड करे।

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•अपने संभाग का नाम डालने के बाद अपने जिला का नाम डालें ।

•उसके बाद परियोजना एवं आंगनबाड़ी केंद्र की जानकारी की सही से पुष्टि करें ।

•तत्पश्चात मेरिट लिस्ट दिखाई देगी ।

•अब आप उसमें अपना नाम देख सकते हैं।

•अभी फिलहाल में कुछ ही संभाग एवं जिला की मेरिट लिस्ट जारी हुई है बाकी जिलों की मेरिट लिस्ट कुछ ही दिनों में जारी कर दी जाएगी ।

•इस तरह से आप MP Anganwadi Merit list 2025 की पीडीएफ देख सकते हैं ।

और इसी तरह से सेम step का पालन करके मध्यप्रदेश आंगनवाड़ी सहायिका की मेरिट लिस्ट पीडीएफ 2025 भी इस लिंक द्वारा डाउनलोड कर सकते है।

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एमपी आंगनवाड़ी मेरिट लिस्ट 2025 की पीडीएफ में यदि आपका नाम आ गया है तो आगे क्या करें

जिन भी महिला उम्मीदवारों का नाम एमपी आंगनवाड़ी मेरिट लिस्ट 2025 में आ गया है उनके उनको अगले चरण के लिए तैयार रहना होगा। अगले चरण में चयनित महिला उम्मीदवारों का दस्तावेज सत्यापन करवाया जाएगा। चयनित महिला उम्मीदवारो को अपने सभी मूल दस्तावेजों को सही समय पर एकत्रित करके रख लेना है एवं सभी मूल दस्तावेजों के साथ निर्धारित स्थान और समय पर पहुंच जाना है ।

• जिस भी स्तर के माध्यम से आपका मध्य प्रदेश आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका में चयन हुआ है उसका शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र (मार्कशीट) ।

• आधार कार्ड , पैन कार्ड, वोटर कार्ड या कोई अन्य पहचान पत्र।

•जाति प्रमाण पत्र (सरकार की नियमों के अनुसार अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए सीटे आरक्षित होती हैं तब जाति प्रमाण पत्र आवश्यक हो जाता है)

• मूल निवासी प्रमाण पत्र ।

मध्य प्रदेश आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका 2025 में तलाकशुदा विधवा या निराश्रित महिलाओं को भी प्राथमिकता दी गई थी इसके लिए इन सबका भी प्रमाण होना आवश्यक है ।

•पासपोर्ट साइज फोटो ।

इन सभी मापदंडों के आधार पर महिला उम्मीदवारों की एमपी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की मेरिट लिस्ट जारी की गई है

मध्य प्रदेश आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका 2025 मेरिट लिस्ट का अवलोकन

भर्ती या परीक्षा का नाम परिणाम स्थिति
मध्य प्रदेश लोक संचालनालय महिला एवं बाल विकास घोषित ।
चयन का माध्यम अकादमिक अंकों के आधार पर ।

Mp deled 2nd year result 2025 declared / स्कोर कार्ड की पीडीएफ यहा से डाउनलोड करें।

एमपी डीएलएड परिणाम 2025 हुआ घोषित । स्कोर कार्ड की पीडीएफ यहा से डाउनलोड करें।

उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट एमपी mpresult.nic.in पर अपनी लॉगिन जानकारी सबमिट करके अपने अंक देख सकते हैं । और स्कोर कार्ड डाउनलोड कर सकते है।

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MP Deled ऑनलाइन परीक्षा परिणाम 2025

मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल ने डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन (DELED) के द्वितीय वर्ष के छात्रों के परिणाम घोषित कर दिया हैं। परीक्षा देने वाले उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट mpresults.nic.in पर लॉगिन करके अपने अंक और योग्यता स्थिति की जांच कर सकते हैं ।

एमपी डीएलएड परीक्षा परिणाम 2025 की पीडीएफ कैसे डाउनलोड करें ?

परीक्षा देने वाली उम्मीदवार अपनी परीक्षा परिणाम की जानकारी के लिए दिए गए निर्देश के अनुसार अपनी पीडीएफ डाउनलोड कर सकते हैं ।

•step 1. आधिकारिक वेबसाइट mpresults.nic.in पर जाएं

• step 2. द्वितीय वर्ष के लिए एमपी डीएलएड परीक्षा परिणाम 2025 लिंक पर क्लिक करें।

•step 3. रोल नंबर सबमिट करें ।

•step 4. एमपी डीएलएड परीक्षा परिणाम 2025 पीडीएफ स्क्रीन पर दिखाई देगी ।

•step 5. अब आप उसे डाउनलोड कर सकते है।

एमपी डीएलएड परीक्षा परिणाम 2025 पीडीएफ में आपको नीचे दिया गया विवरण मिलेगा ।

•छात्र का नाम

•रोल और पंजीकरण संख्या

•मांता-पिता का नाम

•जन्म तिथि

•परीक्षा वर्ष प्रथम या द्वितीय

•प्रत्येक विषय में अंक

•कुल मार्क

mp deled का परीक्षा परिणाम

परीक्षा का नामडिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन (DELED)
संचालन निकायमध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल
वर्ष या सेमेस्टर द्वितीय वर्ष
परिणाम स्थितिघोषित
एमपी डीएलएड परीक्षा प्रणाम 2025 खोजने की आधिकारिक वेबसाइटmpresults.nic.in

एमपी डीएलएड परीक्षा परिणाम 2025 के बाद क्या करे ?

एमपी डीएलएड परीक्षा परिणाम 2025 की पीडीएफ डाउनलोड करने के बाद निम्न बिंदुओं का पालन करें।

योग्यता स्थिति की जांच करें : पीडीएफ में देखें कि अपने सभी विषयों में उत्तीर्णता प्राप्त कर ली है या नहीं यदि आप किसी भी विषय में अनुत्तीर्ण हो जाते हो तो आपको पूरा परीक्षा में पुनः बैठना होगा।

ऑनलाइन मार्कशीट डाउनलोड करें :अपनी परीक्षा परिणाम की डिजिटल कॉपी डाउनलोड कर ले और कॉलेज से भौतिक मार्कशीट प्राप्त कर ले।

नौकरियों के लिए आवेदन : डीएलएड 2 वर्षीय डिप्लोमा कोर्स है जो कि पूरा होने के बाद आप मध्य प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक पद के लिए आवेदन कर सकते हैं ।

एमपी डीएलएड छात्रों के लिए सुझाव

MP dled परीक्षा परिणाम 2025 की जांच करते समय छात्रों को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है यहां कुछ समस्याएं और उनका समाधान दिया गया है।

समस्यासमाधान
Data not found हो सकता है सर्वर डाउन होने की वजह से दिख रहा हो धैर्य रखे और कुछ समय बाद पुनः प्रयास करें।
गलत रोल नंबर त्रुटिअपने एडमिट कार्ड से आठ अंकों का रोल नंबर दर्ज करें गलत रोल नंबर त्रुटि होने पर एक बार पुनः जांचे और सही से दर्ज करें।
वेबसाइट लोड नहीं हो रही हैं।जिन विद्यार्थियों की एंड्रॉयड डिवाइस में वेबसाइट लोड नहीं हो रही है तो कुछ समय बाद बोलना प्रयास करें या किसी अन्य ब्राउज़र या डिवाइस का उपयोग करें।

एमपी डीएलएड छात्रों के लिए महत्वपूर्ण सूचना : जो भी विद्यार्थी एमपी डीएलएड परीक्षा परिणाम 2025 घोषित होने के बाद द्वितीय वर्ष में अपनी परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके हैं वह आप कई निजी स्कूलों में प्राथमिक शिक्षक के पद पर कार्य कर सकते हैं ।

SBI Bank Clerk bharti 2025

नौकरी पाने का सुनहरा मौका एसबीआई बैंक में क्लर्क के पद पर 6 अगस्त 2025 से 26 अगस्त 2025 तक 5180+ पदो पर भर्ती शुरू।

इस भर्ती के बारे में जाने सम्पूर्ण जानकारी । •कैसे होता है एसबीआई जूनियर एसोसिएट का पेपर ?

• सभी category के स्टूडेंट लिए फॉर्म फीस कितनी है, योग्यता/eligibility criteria और आयु सीमा / age limit ?

  • आइए जानते है कितने नंबर का पेपर होगा , कितने पेपर देने पढ़ेंगे , कौन-कौन से सब्जेक्ट पूछे जाते हैं? और कुल पद /Total post के बारे में।

एसबीआई जूनियर एसोसिएट का पेपर (ऑनलाइन) CBT अर्थात computer based test होता है।

•सभी category के स्टूडेंट लिए फॉर्म फीस …

Gen / OBC / EWS : ₹ 750/

SC / ST / PH : ₹0

ऑनलाइन डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, या नेट बैंकिंग के माध्यम से परीक्षा शुल्क का भुगतान कर सकते है ।

योग्यता/eligibility criteria ….

मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से किसी भी धारा में स्नातक की डिग्री होनी चाहिए। जैसे BA, BSC आदि।

  • आयु सीमा / age limit कितनी हैं?

जूनियर एसोसिएट के लिए आपकी आयु सीमा 20 से 28 साल तक होनी चाहिए । (As on. 1/04/2025)

अतिरिक्त मिलने वाली छूट / Age Relaxation

  1. OBC : 3 years
  2. SC/ ST :5 years
  3. PwBD (Gen/ EWS): 10 years
  4. PwBD (OBC) : 13 years
  5. PwBD (SC/ ST) : 15 years
  6. Ex-Servicemen/ Disabled Ex-Servicemen : रक्षा सेवाओं में प्रदान की गई सेवा की वास्तविक अवधि + 3 वर्ष, (एससी/एसटी से संबंधित विकलांग पूर्व सेवाओं के लिए 8 वर्ष) अधिकतम के अधीन। 50 वर्ष की आयु ।
  • कितने पेपर देने पड़तें है ? एसबीआई जूनियर एसोसिएट पद के लिए दो पेपर होते हैं ।

1 . प्रारंभिक परीक्षा/Preliminary Examination:

यह परीक्षा 100 अंकों की होती है जोकी ऑब्जेक्टिव टाइप होती है जिसमें 100 प्रश्न पूछे जाते हैं। एवं 1/4 की नेगेटिव मार्किंग होती है।

SIName of TestMedium of Exam No. Of Questions Max. Marks Duration
1.English Language English. 303020 min.
2.Numerical Ability 353520 min.
3.Reasoning Ability 353520 min.
Total1001001 hour

2. मुख्य परीक्षा/ Main Examination:

एसबीआई जूनियर एसोसिएट की मुख्य परीक्षा कुल 200 अंक की होती हैं। यह परीक्षा भी ऑब्जेक्टिव टाइप होती है। जिसमें टाइम डरेशन 2 घंटा 40 मिनट का होता है एवं 1/4 की नेगेटिव मार्किंग होती है।

SIName of Test Medium of Exam No. of Questions Max. Marks Duration
1.General/Financial Awareness 505035 min.
2.General English English404035 min.
3. Quantitative Aptitude 505045 min.
4.Reasoning Ability & Computer Aptitude 506045 min.
Total1902002Hr. 40 min.

ऑफिशल वेबसाइट पर टोटल पोस्ट कुल पद 5180+ की पुष्टि की गई हैं। हालांकि ये पद घट या बढ़ सकते है। जिसमें cataegory vise पद हैं:

UR – 2255 , OBC – 1179 , EWS – 508 , SC- 788 , ST- 450

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