“पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना subsidy”

पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना आम लोगों को बिजली, बचत और आय तीनों का फायदा दे रही हैं। इसको लागू करने के लिए “पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना subsidy” भी दे रही हैं।

आखिर क्या है पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना ?

पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना (PM Surya Ghar: Muft Bijli Yojana एक) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक सराहनीय योजना है। इस योजना के माध्यम से सरकार 1 करोड़ परिवारों की छतों पर सोलर रूफटॉप पैनल लगवा रही हैं । इन पैनलों से घर की जरूरत के हिसाब से बिजली बनेगी और फिर योजना का सबसे बड़ा लाभ यह है कि हर परिवार को प्रतिमाह 300 यूनिट तक बिजली मुफ्त मिलेगी। यदि आपके घर में पैनल से ज्यादा बिजली बनती है, तो उसे बिजली कंपनी को बेचकर कमाई भी की जा सकती है।

इस योजना की शुरुआत कब और किसके द्वारा की गई?

पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना (PM Surya Ghar: Muft Bijli Yojana) की शुरुआत 13 फ़रवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने की थी। इस योजना का उद्देश्य देश के 1 करोड़ परिवारों को 300 यूनिट मुफ्त बिजली हर महीने दी जाएगी, और लोगों की छतों पर सोलर पैनल लगाने के लिए सरकार सब्सिडी भी देगी।

इस योजना के तहत कितनी यूनिट मुफ्त बिजली मिलेगी?

पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत प्रत्येक पात्र परिवार को प्रत्येक महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जावेगी। यदि आपकी मासिक खपत 300 यूनिट से कम है, तो आपको बिजली बिल भुगतान नहीं करना पड़ता हैं। इस योजना के माध्यम से यदि आप अपने सोलर पैनल से अधिक बिजली उत्पादन कर रहे हैं तो आप अपनी खपत के अतिरिक्त बिजली सरकार को बेच सकते हैं ।

सोलर पैनल लगाने से बिजली बिल में कितनी बचत होगी?

यदि उत्पादन खपत से ज्यादा है, तब अतिरिक्त यूनिट पर डिस्कॉम से ₹2–₹4/यूनिट तक क्रेडिट/आय मिल सकती है । 1 kW रूफटॉप सोलर औसतन ~110–140 यूनिट/महीना बनाता है (ज्यादातर जगह ~120 मान लें)।

बचत/लाभ = (मुफ्त यूनिट × टैरिफ) + (नेट-एक्सपोर्ट × फीड-इन रेट)

मुफ्त यूनिट = min(आपका उत्पादन, 300, आपकी खपत)

नेट-एक्सपोर्ट = max(उत्पादन − खपत, 0)

इस योजना के तहत 1kW, 2kW और 3kW सोलर लगाने पर कितनी लागत आएगी?

पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत 1 kW के लिए ₹30,000, 2 kW के लिए कुल ₹60,000, और 3 kW के लिए कुल ₹78,000 की सब्सिडी/बेंचमार्क क्रेडिट उपलब्ध है ।

1 kW – ₹42,000 – ₹72,000 (इसमें छोटा सिस्टम; ऑफ-ग्रिड/बैटरी शामिल होने पर बहुत ज्यादा)।

2 kW – ₹80,000 – ₹1,40,000 आमतौर पर 1 kW के लगभग दुगना, पर परिशिष्ट खर्च को बदला जा सकता है।

3 kW – ₹1,20,000 – ₹2,15,000 (3 kW तक का पूरा ऑन-ग्रिड सिस्टम; हाई-एंड उपकरण होने पर रेंज ऊपर जाती है)।

सब्सिडी लागू करने के बाद (Estimated NET Cost = Gross − Subsidy)

इस पोर्टल पर आवेदन करने के लिए पात्रता क्या होनी चाहिए?

• केवल घरेलू उपभोक्ता ही इस योजना का लाभ ले सकते हैं।

• आवेदक के पास खुद का घर और छत होनी चाहिए।

•आधार कार्ड, बिजली का बिल और बैंक खाता होना जरूरी है।

इस योजना के लिए आवेदन कैसे किया जा सकता है?

• प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना में आवेदन करने के लिए आधिकारिक पोर्टल pmsuryaghar.gov.in पर जाएं।

• अब पोर्टल पर अपना आधार कार्ड नंबर और बिजली उपभोक्ता नंबर से रजिस्ट्रेशन करे।

• इंस्टॉलेशन के बाद सब्सिडी की राशि अब सीधे आपके बैंक खाते में भेज दी जाएगी।

• आपको सरकार द्वारा अधिकृत (empanelled) कंपनियों से ही सोलर पैनल लगवाना होगा तभी आपको इसका लाभ दिया जाएगा।

क्या इस योजना में लोन की सुविधा भी उपलब्ध है?

हाँ, पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत लोन सुविधा भी उपलब्ध है।

•रूफटॉप सोलर लगवाने के लिए बैंक/फाइनेंस कंपनियाँ आसान लोन देती हैं।

सरकार ने बैंकों और NBFCs को निर्देश दिया है कि वे योजना के लाभार्थियों को सोलर इंस्टॉलेशन के लिए कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराएँ।

• ब्याज दर (Interest Rate)

सामान्य होम/पर्सनल लोन से कम, यानी लगभग 7%–10% तक (राज्य और बैंक पर निर्भर)।

कुछ सरकारी बैंकों में इसे Priority Sector Lending (PSL) में शामिल किया गया है, जिससे लोन पाना आसान हो जाता है।

• लोन की अवधि (Tenure)

आम तौर पर 3 साल से 7 साल तक की अवधि में EMI चुकानी होती है।

निष्कर्ष

पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है, जिसका उद्देश्य लोगों को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली उपलब्ध कराना, घर-घर सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना और देश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना से न केवल लोगों का बिजली बिल कम होगा बल्कि वे अतिरिक्त बिजली बेचकर आय भी अर्जित कर सकेंगे। सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी और लोन सुविधा इस योजना को और अधिक सुलभ बनाती है।

“2 किलोवाट बिजली का बिल कितना आता है?”

pm kusum yojana 2025 kya hai

pm kusum yojana 2025 kya hai इस योजना के माध्यम से किसान अपने खेत में सौर ऊर्जा से पंप चलाकर सिंचाई कर सकता है और अतिरिक्त बिजली ग्रिड में बेच सकता है। इस योजना के माध्यम किसानों की किस्मत पलटेगी – खेत से निकलेगी करोड़ों की बिजली!

PM-KUSUM योजना क्या है?pm kusum yojana 2025 kya hai

“प्रधानमंत्री कुसुम योजना” अर्थात Pradhan Mantri Kisan Urja Suraksha evam Utthaan Mahabhiyan। यह योजना किसानों को सशक्त बनाने, खेती में आत्मनिर्भर बनाने और सौर ऊर्जा के माध्यम से हर खेत तक बिजली पहुँचाने का ऐत अभियान है। भारत सदियों के दिनों से कृषि प्रधान देश रहा है। यहाँ किसान को अन्नदाता कहा जाता है। खेतों में फसलों को सींचने के लिए बिजली नहीं मिलती रही है,और न तो डीज़ल , बिजली समय पर नहीं मिलती है यही किसान की सबसे बड़ी समस्या थी जोकि इस योजना के तहत कई हद तक ठीक हुई हैं।

प्रधानमंत्री कुसुम योजना कब शुरू की गई थी?

Pm kusum Yojana की घोषणा भारत के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने केंद्रीय बजट 2018-19 में की थी। प्रधानमंत्री कुसुम योजना (PM-KUSUM) को भारत सरकार ने शुरू किया था। यह योजना नई और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE – Ministry of New and Renewable Energy) के तहत लागू की गई।

प्रधानमंत्री कुसुम योजना के अंतर्गत क्या क्या मिलता है?

• इस योजना के माध्यम से किसान अपनी जमीन पर सौर पैनल (Solar Panels) लगाकर बिजली पैदा कर सकते हैं।

•इस तरीके से उत्पन्न बिजली का उपयोग खेतों की सिंचाई, घर की जरूरतें और यहाँ तक कि गाँव के उद्योगों के लिए किया जा सकता है।

• उपयोग करने के बाद बची हुई बिजली सीधे सरकार (DISCOM) को बेची जा सकती है।

• किसान को हर महीने/साल स्थायी आय मिलती है।

• यह योजना किसानों के लिए आमदनी का सहारा है और इस योजना से किसान लोगों को प्रोत्साहन मिलेगा ।

• यह योजना न सिर्फ किसानों को समृद्ध बना रही है, बल्कि भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर (Atmanirbhar Bharat) बनाने की दिशा में काम कर रही है।

PM-KUSUM योजना को कितने भागो में बाटा गया है?

प्रधानमंत्री कुसुम योजना को तीन हिस्सों (Components) में बाटा गया है :-

1.सोलर पावर प्लांट :- किसान, सहकारी समिति या पंचायत अपनी जमीन पर 0.5 MW (मेगावाट) से 2 मेगावाट तक का सौर संयंत्र लगा सकते हैं। 1 MW प्लांट के लिए लगभग 4–5 एकड़ जमीन चाहिए। उत्पादित बिजली को DISCOM को बेचा जाता हैं। छः एकड़ जमीन वाला किसान 1 MW प्लांट लगाकर सालाना 40–50 लाख की कमाई कर सकता है। किसान को हर साल लाखों रुपये की गारंटीड आय होती है।

2. सोलर पंप :- डीज़ल/बिजली पर चलने वाले सिंचाई पंप की जगह सौर पंप (Solar Pumps) दिए जाते हैं। फिर न डीज़ल की चिंता, न बिजली कटौती का डर। इस योजना में किसानों को 60% तक सब्सिडी मिलती है।

3.ग्रिड-Connected पंपों का सोलराइजेशन :- किसान अपने खेत में सौर ऊर्जा से पंप चलाकर सिंचाई कर सकता है और अतिरिक्त बिजली ग्रिड में बेच सकता है। कुसुम योजना को समझते ही किसान को लगता है मानो उसकी किस्मत पलट गई हो क्योंकि बिजली कटौती की नो टेंशन और बिजली बेच कर पैसे भी कमाओ।

प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत किसानों को मिलने वाले लाभ ?

1. मुफ्त सिंचाई का फायदा –अब पंप चलाने के लिए न बिजली बिल देना है और न डीज़ल जलाना है।

2. अतिरिक्त आय का स्रोत –खेत में बिजली बनाओ और बची हुई बिजली सरकार को बेचकर हर साल लाखों रुपये कमाओ।

3. पर्यावरण प्रदूषण से मुक्ति – आमतौर पर डीज़ल जलाने से प्रदूषण होता था। अब स्वच्छ सौर ऊर्जा से खेत भी हरे-भरे और आसमान भी साफ।

4. स्थायी रोज़गार –गाँव में पावर प्लांट लगाने से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता है।

5. ऊर्जा में आत्मनिर्भरता –किसान इस योजना का लाभ लेने के बाद उपभोक्ता नहीं, बल्कि ऊर्जा उत्पादक (Energy Producer) बन जाता है।

प्रधानमंत्री कुसुम योजना में किसानों को कितनी सब्सिडी दी जाती है?

इस योजना के अंतर्गत किसानों को सौर पंप और सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने पर सब्सिडी दी जाती है। यानी किसान को कुल लागत का केवल लगभग 30–40% ही खर्च करना पड़ता है। किसान का स्वयं का योगदान : 40% (जिसमें से यदि वह.. चाहे तो बैंक से स्वयं रोजगार के तहत ऋण भी ले सकता है) । प्रधानमंत्री कुसुम योजना में किसानों को केंद्र सरकार की ओर से 30% और राज्य सरकार की ओर से 30% अनुदान मिलता है।

Pm Kusum योजना के लिए पात्रता क्या है?

1. आवेदक किसान होना चाहिए – व्यक्तिगत किसान, किसान समूह, सहकारी समिति, पंचायत, किसान उत्पादक संगठन (FPO) आदि आवेदन कर सकते हैं।

2. भूमि की शर्त –सोलर पंप के लिए किसान के पास अपनी कृषि भूमि होनी चाहिए।सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए न्यूनतम भूमि (लगभग 1 एकड़ प्रति मेगावाट) उपलब्ध होनी चाहिए।

3. भारतीय नागरिक होना आवश्यक है।

4. डीजल/ग्रिड आधारित पंप चलाने वाले किसान इस योजना का लाभ ले सकते हैं।

5. लाभार्थी ने पहले किसी अन्य समान सौर पंप सब्सिडी योजना का लाभ न लिया हो।

प्रधानमंत्री कुसुम योजना का लाभ लेने के लिए कैसे आवेदन करें ?

1. किसान को अपनी जमीन उपलब्ध करानी होगी।

2. राज्य की नोडल एजेंसी (जैसे MP में MPUVNL, UP में UPNEDA) में आवेदन करना होगा।

3. DISCOM के साथ बिजली बेचने का अनुबंध (PPA) होगा।

4. MNRE-Approved Vendor से सौर पैनल लगवाए जाते हैं।

5. प्लांट बनते ही उत्पादन और कमाई शुरू।

पूछे गए अन्य FAQs

Q. इस योजना को किस मंत्रालय द्वारा लागू किया गया है?

नई और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE – Ministry of New and Renewable Energy)

Q.प्रधानमंत्री कुसुम योजना का पूरा नाम क्या है?

प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान

Q. इस योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?

किसानों को फ्री बिजली देना, किसानों की आय दोगुनी करना ,किसानों को सौर ऊर्जा आधारित उपकरण उपलब्ध कराना , कृषि उपज बढ़ाना आदि।

Q. किसानों को इस योजना से क्या लाभ मिलता है?

खेतों में 24 घंटे सिंचाई की सुविधा मिलती हैं। बिजली/डीजल का खर्च बचता है।अतिरिक्त बिजली बेचकर अतिरिक्त आय कमा सकते है।

Q. इस योजना से देश में ऊर्जा सुरक्षा पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

प्रदूषण व कार्बन उत्सर्जन घटेगा क्योंकि डीजल, पेट्रोल के अधिक उपयोग से प्रदूषण होता है। गाँवों में स्थायी बिजली उपलब्ध होगी। पेट्रोलियम आयात घटेगा जिससे विदेशी मुद्रा की बचत होगी ।

क्या आपने अभी तक आवेदन किया कमेंट्स करके जरूर बताएं 👇

Ayushman Bharat Card बनवाने की Step by Step प्रक्रिया

“Ayushman Bharat Card बनवाने की Step by Step प्रक्रिया” आयुष्मान भारत कार्ड योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा शुरू की गई थी। आयुष्मान भारत कार्ड गरीब और कमजोर परिवारों को सालाना ₹5 लाख तक का मुफ्त इलाज उपलब्ध कराता है और यह भारत की सबसे बड़ी हेल्थ प्रोटेक्शन योजना है।

क्या है आयुष्मान भारत कार्ड?

आयुष्मान भारत कार्ड एक स्वास्थ्य बीमा कार्ड है, जिसके जरिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोग देशभर मे कहीं भी सरकारी व निजी (Empanelled) अस्पतालों में फ्री इलाज करवा सकते हैं। यह योजना दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना (Health Insurance Scheme) मानी जाती है। इस कार्ड के माध्यम से कोई भी नागरिक बड़ी से बड़ी बीमारी का इलाज बिल्कुल मुफ्त करवा सकता है।

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आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) कब शुरू की गई थी?

इस योजना की घोषणा मुख्य रूप से 2018 में 2018 के आम बजट (Union Budget 2018-19) में वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा की गई थी । परंतु औपचारिक रूप से इसका शुभारंभ 23 सितंबर 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा झारखंड के रांची से किया गया था । इस योजना को पहले राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के नाम से जाना जाता था । जिसे अभी PM -JAY योजना के रूप मे जाना जाता हैं। इस योजना को सबसे निचले 40% गरीब आबादी वाले नागरिकों के लिए शुरू किया गया था।

आयुष्मान भारत कार्ड योजना में किस प्रकार की बीमारियों का इलाज मुफ्त है?

इस योजना के माध्यम से ऐसी बड़ी बीमारियों का इलाज किया जाता है जिसकी ट्रीटमेंट कीमत आम नागरिक की आय से बहुत अधिक होती है ।

• किडनी व लिवर ट्रांसप्लांट

• न्यूरो सर्जरी

•मातृत्व व नवजात शिशु देखभाल

•डायबिटीज से जुड़ी जटिलताएँ

•फ्रैक्चर व बड़े ऑपरेशन

•कैंसर

•हार्ट की बीमारी आदि

Ayushman Bharat Card बनवाने की Step by Step प्रक्रिया

ज़रूरी दस्तावेज़

•आधार (या अन्य वैध फोटो आईडी)

•PDS/AAY राशन कार्ड, BoCW प्रमाणपत्र, या PM/CM पात्रता पत्र (राज्य के अनुसार)

•मोबाइल नंबर, पता आदि ।

Note 👉कई राज्यों में प्रक्रिया शून्य शुल्क बताई गई है; प्रिंटिंग चार्ज स्थानीय CSC पर हो सकता है ।

अब आगे क्या

PM-JAY की आधिकारिक वेबसाइट/Beneficiary Portal पर जाएँ और “Am I Eligible / Beneficiary Login” से मोबाइल OTP द्वारा लॉग-इन करें।

अपना/परिवार का नाम खोजकर देखें कि आपका नाम सूची में हैं या नहीं। यह नागरिक पोर्टल “Mera PM-JAY”/Beneficiary Portal पर उपलब्ध है ।

ऑनलाइन “Self-Registration + eKYC” करके कार्ड बनायें

NHA का SETU पोर्टल खोलें। फिर Register Yourself & Search Beneficiary या हिंदी में लिखा होगा अपनी बुनियादी जानकारी भरें।

e-KYC (आधार पर OTP/बायोमेट्रिक) कर के सबमिट करें और स्वीकृति का इंतज़ार करें स्वीकृति मिलते ही Download Ayushman Card (e-Card) करें; चाहें तो निकटतम CSC/हॉस्पिटल डेस्क से PVC/प्रिंट भी ले सकते हैं।

70+ वरिष्ठ नागरिक के लिए , यदि आपकी उम्र 70 वर्ष या उससे अधिक है, तो आयुष्मान वय वंदना कार्ड के तहत बनवा सकते है। जानकारी/नामांकन सहायता के लिए 1800-11-0770 पर मिस्ड कॉल दें, या ऊपर दी गई वही प्रक्रिया अपनायें।

आयुष्मान भारत कार्ड किन लोगों को मिलता है?

• ग्रामीण क्षेत्र (Rural Area) के पात्र लोग – जिन ग्रामीण वासियों के कच्चे मकान है और जिन परिवारों में कोई शारीरिक रूप से सक्षम सदस्य नहीं है। जिन परिवारों में महिला मुखिया है और 16 से 59 वर्ष के बीच कोई पुरुष सदस्य नहीं है और पढ़ा – लिखा सदस्य नहीं है। अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के परिवार के सदस्यों को। एवम जो भूमिहीन मजदूर परिवार हैं जो मजदूरी कर के जीवनयापन करते हैं। ऐसे व्यक्ति जो बेघर (Homeless) है या भिखारी हैं ।

• शहरी क्षेत्र (Urban Area) में ऐसे लोग जिनके परिवार में रिक्शा चालक है। जो महिला या पुरुष घरेलू कामगार (मेड/नौकरानी) है उनको भी इस योजना का लाभ दिया जाता हैं। सफाई कर्मचारी , कूड़ा बीनने वाले , निर्माण मजदूर , दुकानों / छोटे प्रतिष्ठानों में काम करने वाले लोग, ठेला चलाने वाले , चौकीदार / मजदूर वर्ग के लोग आदि सभी लोग आयुष्मान भारत कार्ड योजना के लिए पात्र है।

• ऐसे परिवार जो सामाजिक-आर्थिक जनगणना SECC-2011 में चिन्हित किए गए हैं। गरीब, वंचित और जरूरतमंद परिवार जिनके पास स्वास्थ्य बीमा की कोई अन्य सुविधा नहीं है। वे परिवार जो BPL (गरीबी रेखा से नीचे) आते है।

आयुष्मान भारत योजना का लाभ किन अस्पतालों में लिया जा सकता है?

आयुष्मान भारत कार्ड प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) के लाभार्थी मरीज अपना इलाज सिर्फ उन्हीं अस्पतालों में करवा सकते हैं जो इस योजना मे Empanelled (सूचीबद्ध / पंजीकृत) हैं।

• सरकारी अस्पताल (Government Hospitals) में , सभी ज़िला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज और AIIMS जैसे बड़े सरकारी अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC), में

• निजी अस्पताल (Private Hospitals) में, केवल ऐसे निजी अस्पताल जो PM-JAY योजना से जुड़े (Empanelled) हैं। जिन अस्पतालों को सरकार से कार्डधारकों का कैशलेस इलाज करने की अनुमति मिली है।

कैसे पता करें कि कौन सा अस्पताल इस योजना में शामिल है?

• सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट 👉 https://hospitals.pmjay.gov.in पर जाएँ।

• “Find Hospital” विकल्प चुनें। फिर राज्य, जिला और अस्पताल का नाम डालें। फिर आपके सामने पूरे क्षेत्र की सूची आ जाएगी कि कौन-कौन से सरकारी और निजी अस्पताल आयुष्मान कार्ड स्वीकार करते हैं।

आयुष्मान भारत कार्ड योजना के तहत एक परिवार को सालाना कितनी राशि तक का मुफ्त इलाज मिलता है?

इस योजना के तहत प्रति परिवार हर साल ₹5 लाख तक का मुफ्त इलाज मिलता है। जिसमे 25 से ज्यादा स्पेशियलिटी और 1,500+ तरह की बीमारियाँ/सर्जरी कवर की जाती है।

विषय विवरण
योजना का नामआयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY)
शुभारंभ तिथि23 सितंबर 2018
घोषणा तिथि केंद्रीय बजट 2018-19 में
लॉन्च करने वालेप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
लॉन्च स्थलरांची, झारखंड
मुख्य उद्देश्यगरीब व वंचित परिवारों को मुफ्त स्वास्थ्य बीमा सुविधा देना
लाभ राशि प्रति परिवार प्रति वर्ष ₹5 लाख तक मुफ्त इलाज
लाभार्थी परिवार लगभग 10.74 करोड़ परिवार (50 करोड़ से अधिक लोग)
इलाज का प्रकारकैशलेस व पेपरलेस (Cashless & Paperless)
कहाँ इलाज होगासभी सरकारी अस्पताल और PM-JAY से जुड़े निजी अस्पताल
क्या कवर है1500+ बीमारियाँ/प्रक्रियाएँ – कैंसर, हार्ट सर्जरी, किडनी, फ्रैक्चर, मातृत्व सेवाएँ आदि
क्या कवर नहीं हैOPD खर्च, नशे की लत का इलाज, कॉस्मेटिक सर्जरी आदि
पात्रताBPL परिवार, SECC-2011 सर्वे में चिन्हित गरीब व वंचित परिवार
आवेदन प्रक्रियाCSC केंद्र या pmjay.gov.in पर जाकर
कार्ड प्रकारडिजिटल ई-कार्ड (डाउनलोड कर सकते हैं)

अन्य पूछे गए प्रश्न

1.आयुष्मान भारत योजना का संचालन कौन करता है?

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB PMJAY) का संचालन राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) करता है ।

2. “PM-JAY” का पूरा नाम क्या है?

प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) ।

3. प्रति परिवार इलाज की अधिकतम सीमा कितनी है?

प्रति वर्ष प्रति परिवार ₹5 लाख तक की कवरेज सीमा प्रदान करना है

4. आयुष्मान भारत योजना के तहत ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों के कितने लाभार्थियों को कवर किया गया है?

लगभग 10.74 करोड़ परिवार (50 करोड़ से अधिक लोग)।

5. इस योजना को लागू करने वाली नोडल एजेंसी का नाम बताइए।

आयुष्मान कार्ड योजना या आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB PM-JAY) को लागू करने वाली शीर्ष नोडल एजेंसी राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) है ।

6.आयुष्मान भारत योजना में कितनी तरह की बीमारियों/प्रोसीजर को कवर किया गया है?

कैंसर, हार्ट सर्जरी, किडनी, फ्रैक्चर, मातृत्व सेवाएँ आदि ।

7.आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन का मुख्य उद्देश्य क्या है?

गरीब और वंचित परिवारों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराना और भारत को यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज (UHC) की दिशा में आगे बढ़ाना।

8.योजना के तहत अस्पताल में भर्ती होने से पहले व बाद का खर्च भी शामिल है या नहीं?

हाँ, PM-JAY) योजना में अस्पताल में भर्ती से पहले और बाद का खर्च भी शामिल है।

9.किस राज्य ने आयुष्मान भारत को अपने राज्य की योजना के साथ जोड़कर लागू किया है?

इस योजना में ओडिशा, पुदुचेरी, महाराष्ट्र, और केरल ने अपनी राज्य योजनाओं को आयुष्मान भारत PM-JAY के साथ जोड़कर लोगों को अधिक व्यापक और सुविधाजनक स्वास्थ्य कवरेज उपलब्ध कराया है।

10. आयुष्मान कार्ड की वैधता (Validity) कितने समय की होती है?

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) के तहत मिलने वाला आयुष्मान कार्ड (e-Card) की कोई समय सीमा (Expiry Date) नहीं होती।एक बार कार्ड बन जाने के बाद यह जीवनभर (Lifetime) मान्य होता है।

“अटल भूजल योजना की शुरुआत कब हुई”

अटल भूजल योजना एक व्यवहारिक पहल है जो स्थानीय समुदायों और संस्थागत तंत्र दोनों को सशक्त बनाकर जल प्रबंधन की दिशा में महत्वपूर्ण बदलाव लाने की दिशा में कार्यरत है। आज हम जानेंगे “अटल भूजल योजना की शुरुआत कब हुई”

1.अटल भूजल योजना क्या है?

अटल भूजल योजना एक ऐसी योजना है जो गाँवों और किसानों को साथ लेकर पानी बचाने और भूजल का सही उपयोग करने पर केंद्रित है। यह योजना एक समुदाय आधारित जल प्रबंधन कार्यक्रम है, जिसमें गाँव की पंचायतें, किसान और स्थानीय लोग मिलकर पानी के उपयोग की योजना बनाते हैं। सरकार इस योजना के लिए राज्यों को आर्थिक सहायता देती है । अटल भूजल योजना एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना (Central Sector Scheme) है, जिसका उद्देश्य ज़मीनी जल (groundwater) का सतत प्रबंधन करना है।

2.अटल भूजल योजना की शुरुआत कब हुई?

अटल भूजल योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 95वीं जयंती के अवसर पर 25 दिसंबर 2019 को की थी। अटल भूजल योजना 2020–21 में लागू की गई थी और मूल रूप से 2025 तक चलनी थी, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 2027 तक कर दिया गया है।इसका योजना के माध्यम से देश में भूजल (Groundwater) का संरक्षण और प्रबंधन करना है, ताकि लोगों को लंबे समय तक साफ और पर्याप्त पानी मिल सके।

3.अटल भूजल योजना किसके उपलक्ष्य में शुरू की गई थीं ?

अटल भूजल योजना की शुरुआत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की 95वीं जयंती के उपलक्ष्य में की गई थी। इस योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 दिसंबर 2019 को लॉन्च किया था। योजना का नाम भी अटल जी की याद में रखा गया है, ताकि उनके योगदान और दृष्टि को सम्मान दिया जा सके। अटल भूजल योजना, अटल जी के ग्राम विकास, जल संरक्षण और सतत कृषि वाले विज़न को आगे बढ़ाने के लिए उनकी 95 वी जयंती पर शुरू की गई थी।

4.अटल भूजल योजना का उद्देश्य क्या है ?

•अटल भूजल योजना के माध्यम से वर्षा जल संचयन और अन्य उपायों से जल स्रोतों को पुनर्जीवित करना।

•लोगों को जल के उपयोग के बारे में जागरूक और जिम्मेदार बनाना।

• खेती करने में पानी की बचत वाली तकनीकें अपनाना (जैसे ड्रिप इरिगेशन)।

•इसका उद्देश्य भूजल का संरक्षण करना और जल स्तर में सुधार करना है।

•गाँव स्तर पर जल सुरक्षा योजना (Water Security Plan) तैयार करना।

5.अटल भूजल योजना से संबंधित क्षेत्र और कवरेज एरिया कौन कौन से है?

गुजरात , हरियाणा , कर्नाटक , मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश ।

कवरेज एरिया का विस्तार :- लगभग 78 जिलों, 193 ब्लॉक्स, और 8,200–8,350 ग्राम पंचायतों में यह योजना लागू की गई है । कुल मिलाकर यह योजना लगभग 8,213 या 8,350 ग्राम पंचायतों को लाभान्वित करती है ।उदाहरण: गुजरात में लगभग 1,873 ग्राम पंचायतें; हरियाणा में 1,656 ग्राम पंचायतें शामिल हैं ।

6. अटल भूजल योजना के मुख्य घटक ?

(i) Institutional Strengthening & Capacity Building

बजट: ₹1,400 करोड़।

उद्देश्य: इसका उद्देश्य राज्य स्तर पर डेटा बेस तैयार करना, वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाना, संस्थागत व्यवस्था मजबूत बनाना और समुदाय की भागीदारी बढ़ाना।

(ii) Incentive Component

बजट: ₹4,600 करोड़।

उद्देश्य: राज्यों को शामिल गतिविधियों—जैसे कि जल सुरक्षा योजनाएं, डेटा का सार्वजनिक खुलासा, अन्य योजनाओं के साथ समन्वय (convergence), और जल उपयोग में दक्षता (demand-side management)—में सुधार हेतु प्रोत्साहित करना ।

7.अटल भूजल योजना का प्रदर्शन (Performance) और विस्तार

यह योजना 2025 तक लागू थी। लेकिन कोविड-19 के प्रभाव के कारण, इसे राष्ट्रीय संचालन समिति की बैठक में और दो वर्षों के लिए आगे बढ़ाया दिया गया, जिससे अब यह 2027 तक चलेगी और इससे लगभग 8,220 ग्राम पंचायतों को लाभ होगा ।राज्य क्षेत्र में प्रदर्शन: मार्च 2024 की रैंकिंग में हरियाणा ने महाराष्ट्र के बाद दूसरी सर्वश्रेष्ठ स्थिति बनाई। हरियाणा के चारखी दादरी (द्वितीय स्थान) और भिवानी (पाँचवाँ स्थान) जैसे जिले टॉप 5 में शामिल रहे ।

8. अटल भूजल योजना की अवधि, बजट और वित्तीय व्यवस्था ?

अवधि: यह योजना पाँच साल के लिए (2020–21 से 2024–25 तक) लागू थी जिसे बढ़ाकर अब 2027 तक कर दिया गया है।

बजट: इस योजना में कुल ₹6,000 करोड़ का प्रावधान है। इसमें ₹3,000 करोड़ विश्व बैंक (World Bank) ऋण और ₹3,000 करोड़ भारत सरकार का मैचिंग योगदान है

वित्तीय : विश्व बैंक के तहत “Program for Results (PforR)” मोडल में फंड राज्यों को पहले नीतिगत लक्ष्यों की प्राप्ति के बाद ही हस्तांतरित किया जाता है ।

लेवल Information (जानकारी)
शुरुआत 25 दिसंबर 2019
अवधि पहले 2020-21 से 2025
अब 2020-21 से 2027 तक ।
बजट ₹6000 करोड रुपए (विश्व बैंक :₹3000 करोड़, भारत सरकार ₹3000 करोड़)
राज्य गुजरात , हरियाणा , कर्नाटक , मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश ।
कवरेज एरिया लगभग 178 जिलों, 193 ब्लॉक, 8200-8350 ग्राम पंचायत ।
मुख्य घटक संस्थागत क्षमता निर्माण
विस्तार 2025 से 2027 तक 2 साल विस्तार
प्रदर्शन (performance)हरियाणा राज्य शीर्ष क्रम पर

रूरल वाटर कनेक्टिविटी योजना क्या है

🌊 रूरल वाटर कनेक्टिविटी योजना – गांव – गांव ,घर-घर तक जल पहुंचाना का संकल्प 🌊

भारत का हृदय यानी कि दिल उसके गाँवों में बसता है। और जब तक गाँवों की रोम रोम की नाड़ियों में जीवनदायिनी शरीर को जीवित रखने वाली जलधारा नहीं बहेगी, रूरल वाटर कनेक्टिविटी योजना क्या है , तब तक विकास होने वाला कार्य अधूरा रहेगा। इसी सोच से जन्म लेती है और उत्पन्न होती है । जिसका लक्ष्य है – हर ग्रामीण का घर तक स्वच्छ, साफ सूत्र एवं सुरक्षित और निरंतर पेयजल पीने वाला पानी नहीं मिल रहा है आपूर्ति पहुँचाना।

यह योजना कार्य केवल पेय जल उपलब्ध कराने की परियोजना नहीं, बल्कि यह एक जल-क्रांति है। इसका उद्देश्य है – ग्रामीण भारत की जीवनशैली को बदलना, और मानव के जीवन पर प्रभाव को बदलता है महिलाओं को सिर पर मटके ढोने की मजबूरी से मुक्त करना, और कुआं में से बाल्टी और रस्सी की सहायता से खींच कर पानी निकालना किसानों को सिंचाई हेतु चरखा से पानी कुआं से पानी निकाल कर सिंचाई बैलों के द्वारा की जाती है पानी उपलब्ध कराना और बच्चों को स्वच्छ जल से होने वाली बीमारियों से बचाना। स्वच्छ पानी पियेंगे तो बच्चे और बुजुर्ग बीमार नहीं पड़ेंगे और सेहत अच्छी रहेगी ।

🔹 योजना का मूल दर्शन

रूरल वाटर कनेक्टिविटी योजना का मूल दर्शन है –

1. हर घर नल से जल – किसी भी ग्रामीण परिवार को प्यासा न छोड़ा जाए। और हर घर तक पानी पहुंचे और प्यासे न रहे

2. समानता का जल अधिकार – चाहे दलित बस्ती हो, निम्न वर्ग के लोग हो या आदिवासी  चमार इलाका या पिछड़ा गांव – सभी को समान अवसर और समानता का अधिकार मिलना चाहिए इसमें छोटे बड़े के भेदभाव को हटाकर सबको एक जैसा पानी देने का संकल्प लिया गया है

3. स्वास्थ्य की गारंटी – गंदे पानी से या खराब पानी से फैलने वाली मलेरिया या अन्य  बीमारियों को जड़ से समाप्त करना और स्वच्छ भारत का बीड़ा उठाया है

4. ग्राम स्वराज का आधार – पानी की आपूर्ति और प्रबंधन में गांव की सक्रिय भागीदारी। पानी नहीं है तो उसको पूरा पानी पूरा मिलना चाहिए और सबको मिलने के लिए पानी यह ग्राम स्वराज का  आधार हैं

🔹 मुख्य विशेषताएँ

1. नल कनेक्शन का प्रावधान – हर ग्रामीण के परिवार के  घर-घर तक सीधा पाइपलाइन के द्वारा हर घर तक स्वच्छ साफ सूत्र पेयजल पहुँचाना।

2. भूजल और सतही जल का समन्वय – कुएँ, तालाब, नहर, नदी और भूजल का संतुलित उपयोग। इसका उपयोग सिंचाई के रूप में किया जा सकता है और पेयजल के रूप में भी उपयोग करते हैं

3. सौर ऊर्जा से संचालित पंपिंग स्टेशन – बिजली की कमी वाले गाँवों में भी जल आपूर्ति निर्बाध। 24 घंटे पानी उपलब्ध कराना सौर ऊर्जा का काम है

4. समुदाय आधारित प्रबंधन – ग्राम जल समितियों का गठन, ताकि किसी भी व्यक्ति को कोई दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा और जिसमें ग्रामीण स्वयं रखरखाव और देखरेख करेंगे।

5. आधुनिक तकनीक का उपयोग – सेंसर, स्मार्ट मीटरिंग और डिजिटल मॉनिटरिंग के जरिए जल वितरण। पेयजल प्रधान करना

6. स्वच्छता से जुड़ाव – पीने योग्य पानी के साथ-साथ स्वच्छता और जल संरक्षण पर भी ज़ोर। दे रही है सरकार यह सरकार हमारी हितेषी है

🔹 लाभ और प्रभाव

1. महिलाओं की मुक्ति

ग्रामीण महिलाएँ रोज़ाना कुआं के अंदर से बाल्टी के द्वारा पानी निकाल कर बहुत  किलोमीटर दूर से पानी भरकर लाती थीं। यह योजना उन्हें उस बोझ से आज़ादी देती है ताकि महिला को परेशानी वह मेहनत नहीं करनी पड़ेगी और उनके समय व श्रम की बचत होती है। और समय के पहले पानी पीने के लिए मिल जाएगा

2. स्वास्थ्य सुरक्षा

गंदे पानी से टायफॉइड, डायरिया, हैजा, फ्लोराइड और आर्सेनिक की समस्या होती है। यह योजना ग्रामीण भारत को इन जानलेवा रोगों से छुटकारा पा सके और जान को बचाएं और  सुरक्षित करती है।

3. शिक्षा को बल

जब बच्चों को दूर से पानी लाने की मजबूरी नहीं होगी और बीमारियाँ कम होंगी, तो उनकी स्कूल उपस्थिति और शिक्षा स्तर बढ़ेगा।

4. कृषि को मजबूती

सिंचाई सुविधाओं के बेहतर प्रबंधन से किसान कम लागत में ज्यादा उत्पादन कर पाएंगे। यह योजना अन्नदाता की समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करती है।

5. गांव का समग्र विकास

पानी मिलने से गाँवों में स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता और रोजगार के नए अवसर पैदा होते हैं। यह योजना गांव को आत्मनिर्भर बनाने का आधार बनती है।

🔹 योजना के दूरगामी परिणाम

ग्रामीण पलायन में कमी आएगी, क्योंकि गांवों में पानी और सुविधाएँ होंगी।

समाज में स्वच्छता और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।

जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन को प्राथमिकता मिलेगी।“सर्वजन हिताय – सर्वजन सुखाय” के भाव से समान विकास संभव होगा।

🔹 निष्कर्ष

रूरल वाटर कनेक्टिविटी योजना केवल पानी पहुंचाने की पहल नहीं है, यह एक राष्ट्रीय संकल्प है – गाँवों को तरक्की की धारा से जोड़ने का।
यह योजना भारत के ग्रामीण जनजीवन को प्यास से राहत, स्वास्थ्य से सुरक्षा और समृद्धि से परिपूर्ण करती है।

👉 यह सिर्फ़ जल की आपूर्ति नहीं, बल्कि गांव-गांव तक जीवन की नयी धड़कन है।

विकसित भारत योजना में कोन कोन सी योजना है

विकसित भारत अभियान (Viksit Bharat Abhiyan) एक राष्ट्रीय स्तर का अभियान है। विकसित भारत योजना में कोन कोन सी योजना है आज हम जानेंगे, जिसे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भारत देश को सन 2047 तक विकसित बनाने के लक्ष्य के साथ शुरू किया है। इस अभियान का उद्देश्य है कि भारत वर्ष 2047 तक एक आत्मनिर्भर, समृद्ध और विकसित राष्ट्र बने। जब तक स्वतंत्रता के 100 वर्ष भी पूरे हो जाएंगे।

1.विकसित भारत अभियान कब शुरू किया गया?

15 नवम्बर 2023 को (भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर)। यह अभियान 15 नवंबर 2023 को झारखंड के खूंटी से शुरू हुआ था। इसका लक्ष्य पूरे देश में विभिन्न सरकारी कल्याण योजनाओं की जानकारी पहुँचाना था। इसमें 2.60 लाख ग्राम पंचायतों और 4,000+ शहरी स्थानीय निकायों को कवर किया गया, ताकि योजनाएं प्रत्येक क्षेत्र तक पहुँच सके।

2.विकसित भारत अभियान मुख्य लक्ष्य क्या है?

भारत को वर्ष 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाना।विकसित भारत अभियान एक ऐसा राष्ट्रीय आंदोलन है जो जनता को सरकारी योजनाओं से जोड़कर भारत को अगले 2047 वर्ष तक एक सशक्त और आधुनिक राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखता है।

3.अभियान के अंतर्गत कितने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को शामिल किया गया है?

इस अभियान के अंतर्गत भारत के सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेशो को शामिल करना है। बहुत-सी योजनाएं ऐसी हैं जिनके बारे में लोगों को जानकारी नहीं होती। इस अभियान के तहत हर परिवार तक योजनाओं की जानकारी और सेवाएँ पहुँचाई गई।

4-विकसित-भारत-अभियान-के-चार-प्रमुख-स्तंभ-कौन-कौन-से-हैं”?

(1.)आर्थिक विकास 👉 इस योजना के माध्यम से स्टार्टअप और MSME को बढ़ावा देना । मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में भारत का विकास करना जिससे “विकसित भारत अभियान” के अंतर्गत जैसी “विकसित भारत रोजगार योजना 2025” जैसी योजनाओं से करोड़ों युवाओं को रोजगार दिया जा सके।

(2).सामाजिक विकास (Social Inclusion & Welfare) गरीबी का अंत – हर परिवार के लिए भोजन, आवास और स्वास्थ्य जैसी आवश्यकताओं की पूर्ति करना ।100% स्वास्थ्य कवरेज – आयुष्मान भारत का विस्तार, टेलीमेडिसिन, ग्रामीण हेल्थ सेंटर बनवाकर गरीब परिवार को स्वास्थ संबंधी मदद प्रदान करना।

शिक्षा में बदलाव – NEP 2020 का पूरा क्रियान्वयन, आधुनिक कौशल शिक्षा, डिजिटल क्लासरूम जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराना जिससे सभी गरीब स्तर के बच्चे उच्च स्तर की शिक्षा प्राप्त कर सकें ।

महिला सशक्तिकरण – महिलाओं की कार्यबल में भागीदारी दोगुनी करना।और समाज में महिलाओं को पुरुषों के समान बराबरी का दर्जा देना एवं सभी भेदभाव को पूर्ण रूप से खत्म करना ।

डिजिटल इंडिया 2.0: डिजिटल लेन-देन, AI, रोबोटिक्स, क्वांटम टेक्नोलॉजी का उपयोग करना जिससे डिजिटल इंडिया 2.0 का लक्ष्य पूरा हो जो कि माननीय प्रधानमंत्री जी ने घोषित किया था कि भारत को डिजिटल इंडिया बनाना है ।

(3.) वैश्विक नेतृत्व (Global Leadership & Security)

“विश्वगुरु भारत” – सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और योग-आयुर्वेद की वैश्विक पहचान। इस अभियान के अंतर्गत भारत को ग्लोबल सप्लाई चेन का हब बनाना हैं। अंतरिक्ष अनुसंधान (ISRO) को विश्व स्तर पर शीर्ष 3 देशों में लाकर रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता (Make in India Defence) बनाना है। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी भारत को विज्ञान और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अग्रणी बनाना चाहते हैं।

(4.) बुनियादी ढाँचा और पर्यावरण (Infrastructure & Sustainability)

इस अभियान के माध्यम से प्रत्येक गाँव और शहर में 24×7 बिजली और पानी की व्यवस्था करवाना । कृषि का आधुनिकीकरण की ड्रोन तकनीक, स्मार्ट सिंचाई और किसानों की आय दोगुनी से भी अधिक करने की यथासंभव कोशिश करना। ग्रीन एनर्जी: जैसे सौर और पवन ऊर्जा से 50% बिजली की खपत को कम करना । स्मार्ट शहर: आधुनिक परिवहन, मेट्रो नेटवर्क, EV चार्जिंग हब से पूरे देशवासियों को जोड़ना । स्वच्छ भारत के अगले चरण में कचरा प्रबंधन, प्रदूषण मुक्त शहरो का निमार्ण करना।

5. विकसित भारत अभियान के अंतर्गत किन प्रमुख योजनाओं को जोड़ा गया है?

•आर्थिक सशक्तिकरण: प्रधानमंत्री रोजगार योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, जनधन योजना, पीएम विश्वकर्मा योजना इन योजनाओं के अंतर्गत प्रधानमंत्री जी के द्वारा किसानों को सम्मान निधि दी जाती है एवं प्रधानमंत्री रोजगार योजना के अंतर्गत बेरोजगारों को रोजगार दिया जाता है ।

•स्वास्थ्य और सुरक्षा: आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना इन योजनाओं के माध्यम से जो परिवार निचले स्तर से आते हैं जो कि अपने स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाधान आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण नहीं कर पाते हैं उनको सहायता प्रदान करना।

•खाद्य और पोषण: प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के माध्यम से गरीब परिवारों को कम कीमत में एवं मुफ्त राशन प्रदान करना और पोषण संबंधी समस्याओं का समाधान करना ।

•आवास और ऊर्जा: प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, जल जीवन मिशन (हर घर जल) के माध्यम से देश के प्रत्येक नागरिक को स्वयं का आवास और उज्ज्वला योजना के तहत फ्री गैस कनेक्शन प्रदान करना एवं बदल जीवन मिशन के तहत घर-घर पानी की कमी को दूर कर पानी उपलब्ध करवाना ।

•सामाजिक सुरक्षा: अटल पेंशन योजना, स्वामित्व योजना आदि के माध्यम से गरीब परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करना ।

•युवा एवं कौशल: मेरा युवा भारत (MY Bharat) प्लेटफ़ॉर्म, कौशल विकास योजनाएँ जो की विद्यार्थियों को एवं युवाओं को एक अच्छे लेवल तक पहुंचने में मदद करती है।

6. विकसित भारत अभियान का मुख्य फोकस किन वर्गों पर है?

विकसित भारत अभियान योजना के अंतर्गत विशेष रूप से महिलाएँ, किसान, युवा, गरीब और वंचित वर्ग के नागरिकों पर है ।

7.विकसित भारत अभियान का दूसरा नाम क्या है ?

विकसित भारत अभियान का दूसरा नाम विकसित भारत संकल्प यात्रा (Viksit Bharat Sankalp Yatra) है।

8. इस अभियान का नारा क्या है?

विकसित भारत अभियान का नारा उसके नाम और उसके काम के अनुसार रखा गया है “संपूर्ण विकास, सबका प्रयास।”

9.भारत को किस वर्ष तक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा गया है?

भारत को साल 2047 तक विकसित देश बनाने का संकल्प रखा गया है।

2047 तक का अंतिम लक्ष्य

भारत एक ऐसा राष्ट्र बने जहाँ –गरीबी का नामोनिशान न रहे। हर नागरिक को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार उपलब्ध हो सके। भारत सुरक्षित, आत्मनिर्भर और पर्यावरण-हितैषी विकसित देश सके। विश्व की अर्थव्यवस्था में भारत की सबसे बड़ी भूमिका हो।

अभियान की प्रमुख विशेषताएँ

“विकसित भारत संकल्प यात्रा” के रूप में इसकी शुरुआत हुई (15 नवंबर 2023 से), जिसमें विशेष वैन और शिविरों के ज़रिए गाँवों और शहरों में योजनाओं का प्रचार और लाभ वितरण किया गया।इसमें युवाओं, महिलाओं, किसानों, गरीबों और वंचित वर्गो पर विशेष ध्यान दिया गया है।लोकल भाषा और ऑडियो-वीडियो सामग्री का उपयोग करके जागरूकता फैलाई गई।

“जन – जन की सुरक्षा, हमारी प्राथमिकता”

मुख्यमंत्री मोहन यादव का असली उद्देश्य संपूर्ण राज्य के वासियों की सुरक्षा करना है । इसीलिए मुख्यमंत्री जी ने “जन – जन की सुरक्षा, हमारी प्राथमिकता” योजना शुरू की।

मुख्यमंत्री मोहन यादव का असली उद्देश्य 🇮🇳

जनता की पुकार, अब एक ही नंबर 112 तैयार” जनता को त्वरित सुरक्षा देना। Dial 112 का मकसद है कि किसी भी आपात स्थिति में – चाहे महिला सुरक्षा हो, बच्चों की समस्या हो, बुज़ुर्गों की परेशानी हो, सड़क हादसा हो या अपराध – जनता तुरंत पुलिस, फायर या मेडिकल मदद पा सके। किसी का एक्सीडेंट हो जाता है या फिर लड़ाई झगड़ा हो जाते हैं या आपातकालीन स्थिति बन जाती है वहां पर सुविधा प्रदान करना इसका काम है । और “जन – जन की सुरक्षा, हमारी प्राथमिकता” को बढ़ावा देना।

“जन – जन की सुरक्षा, हमारी प्राथमिकता”

मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा लॉन्च की गई Dial 112 सिर्फ एक आपातकालीन सेवा नहीं है, यह मध्यप्रदेश की सुरक्षा का कवच और युवाओं के लिए अवसरों का नया द्वार है।

कॉल सेंटर से लेकर कंट्रोल रूम तक – युवाओं की तेज़ आवाज़ और त्वरित दिमाग जनता की मदद करेगा।पहले अलग-अलग नंबरों पर कॉल करनी पड़ती थी, अब सिर्फ एक ही नंबर – 112 से सब समाधान। नंबर पर कॉल करें और तुरंत समाधान पे और तट पर तुरंत पहुंचकर किसी भी प्रकार का कैसे हो उसको सॉल्व करना यही भूमिका निभाने का प्रयास किया गया है इसके पहले डायल 100  ने भी भूमिका अच्छी निभाई थी डॉक्टर मोहन यादव जी ने यह बहुत अच्छा फैसला लिया है ।

1.जनता की सुरक्षा को सबसे तेज़ और आसान बनाना

Dial 100 सेवा का मकसद था कि कोई भी नागरिक अगर संकट में है—चोरी, डकैती, अपहरण, सड़क हादसा, महिला उत्पीड़न या कोई भी अपराध—तो तुरंत सिर्फ 100 नंबर डायल करके मदद पा सके ।

2. संकट में तुरंत पहुँचने वाली पुलिस

संकट में तुरंत पहुँचने वाली पुलिस Dial 100 से व्यवस्था बनी कि 15–20 मिनट के भीतर पुलिस गाड़ी मौके पर पहुँचे।

3. भयमुक्त समाज का निर्माण

मुख्यमंत्री का उद्देश्य था कि अपराधी यह संदेश समझें कि “अब पुलिस दूर नहीं, बल्कि एक कॉल की दूरी पर है।”यानी जनता निडर रहे और अपराधी डर में।

4.Good Governance और जनता का विश्वास

Dial 100 सिर्फ सेवा नहीं, बल्कि जनता और सरकार के बीच भरोसे का पुल था। यह बताने का प्रयास था कि सरकार सिर्फ कानून बनाने तक सीमित नहीं, बल्कि हर नागरिक की रक्षा में हर पल खड़ी है। ताकि आम नागरिकों को सेवा प्रधान कर सके टेक्नोलॉजी का संचालन – युवाओं की निपुणता GPS, नेटवर्क और डिजिटल सिस्टम संभालेगी।

5.समय पर मदद, जीवन की रक्षा

पहले क्या होता था तो भी गाड़ी कोई रोकता नहीं था की एक्सीडेंट होने के बाद बहुत देरी के बाद अस्पताल नागरिक को लेकर जाती थी आप तुरंत कॉल करेंगे लेकर चले जाएंगे112 का मकसद है कि फ़ोन करते ही तुरंत रिस्पॉन्स हो और मदद पहुंच जाए, ताकि कोई ज़िंदगी खतरे में न पड़े।

6.सुरक्षित मध्यप्रदेश का सपना

मोहन यादव जी का विज़न है कि “भयमुक्त समाज” बने, जहाँ अपराधी डरें और जनता निडर होकर जी सके। इसीलिए तो यह मोहिम चलाई है । यह सेवा Good Governance का हिस्सा है – यानी सरकार जनता तक तुरंत पहुँचे। अल्प समुदाय विवाह गणमान्य नागरिक को सुविधा प्रदान मिले हमारे देश के लिए गौरव की बात है इस मुहिम की जितनी प्रशंसता करें कम है । हमारे मध्य प्रदेश ही नहीं देश के लिए भी गौरव की बात है ।

7. आम नागरिक के विश्वास को मज़बूत करना

हमारे मध्य प्रदेश ही नहीं देश के लिए भी गौरव की बात हैं। जनता को भरोसा दिलाना कि सरकार उनकी सुरक्षा और सम्मान के लिए हर पल तत्पर है। सरकार हमेशा जनहित में ही सोचती है“पुलिस दूर नहीं, बस एक कॉल की दूरी पर है” – यही संदेश जनता तक पहुँचाना।

ताकि मदद तुरंत पहुंच जाए हर गांव गांव जहां पर थाना दूर पड़ता है वहां तक सेवा प्रदान करना “मुख्यमंत्री मोहन यादव ने Dial 112 सेवा इसीलिए शुरू की है ताकि हर नागरिक की पुकार पर तुरंत सुनवाई हो, हर संकट की घड़ी में मिनटों में मदद पहुंचे जल्द से जल्द और मध्यप्रदेश अपराध-मुक्त, भय-मुक्त और सुरक्षित समाज की नई पहचान बन सके सभी सेवाओं का लाभ मिले इसीलिए डॉक्टर मोहन यादव जी ने हरी झंडी दी है और 15 अगस्त 2025 को हरी झंडी दिखाते हुए शुभ आरंभ किया है । यह हमारे मध्य प्रदेश राज्य के लिए गौरव की बात है ऐसे निरंतर कार्य कर रहे हैं मध्य प्रदेश सरकार इसीलिए देश में नंबर वन की सरकार है आगे भी मध्य प्रदेश सरकार निरंतर कार्य करने को तैयार है हमारे मध्य प्रदेश के लोगों के लिए गर्व की बात है ।

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