pm kusum yojana 2025 kya hai

pm kusum yojana 2025 kya hai इस योजना के माध्यम से किसान अपने खेत में सौर ऊर्जा से पंप चलाकर सिंचाई कर सकता है और अतिरिक्त बिजली ग्रिड में बेच सकता है। इस योजना के माध्यम किसानों की किस्मत पलटेगी – खेत से निकलेगी करोड़ों की बिजली!

PM-KUSUM योजना क्या है?pm kusum yojana 2025 kya hai

“प्रधानमंत्री कुसुम योजना” अर्थात Pradhan Mantri Kisan Urja Suraksha evam Utthaan Mahabhiyan। यह योजना किसानों को सशक्त बनाने, खेती में आत्मनिर्भर बनाने और सौर ऊर्जा के माध्यम से हर खेत तक बिजली पहुँचाने का ऐत अभियान है। भारत सदियों के दिनों से कृषि प्रधान देश रहा है। यहाँ किसान को अन्नदाता कहा जाता है। खेतों में फसलों को सींचने के लिए बिजली नहीं मिलती रही है,और न तो डीज़ल , बिजली समय पर नहीं मिलती है यही किसान की सबसे बड़ी समस्या थी जोकि इस योजना के तहत कई हद तक ठीक हुई हैं।

प्रधानमंत्री कुसुम योजना कब शुरू की गई थी?

Pm kusum Yojana की घोषणा भारत के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने केंद्रीय बजट 2018-19 में की थी। प्रधानमंत्री कुसुम योजना (PM-KUSUM) को भारत सरकार ने शुरू किया था। यह योजना नई और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE – Ministry of New and Renewable Energy) के तहत लागू की गई।

प्रधानमंत्री कुसुम योजना के अंतर्गत क्या क्या मिलता है?

• इस योजना के माध्यम से किसान अपनी जमीन पर सौर पैनल (Solar Panels) लगाकर बिजली पैदा कर सकते हैं।

•इस तरीके से उत्पन्न बिजली का उपयोग खेतों की सिंचाई, घर की जरूरतें और यहाँ तक कि गाँव के उद्योगों के लिए किया जा सकता है।

• उपयोग करने के बाद बची हुई बिजली सीधे सरकार (DISCOM) को बेची जा सकती है।

• किसान को हर महीने/साल स्थायी आय मिलती है।

• यह योजना किसानों के लिए आमदनी का सहारा है और इस योजना से किसान लोगों को प्रोत्साहन मिलेगा ।

• यह योजना न सिर्फ किसानों को समृद्ध बना रही है, बल्कि भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर (Atmanirbhar Bharat) बनाने की दिशा में काम कर रही है।

PM-KUSUM योजना को कितने भागो में बाटा गया है?

प्रधानमंत्री कुसुम योजना को तीन हिस्सों (Components) में बाटा गया है :-

1.सोलर पावर प्लांट :- किसान, सहकारी समिति या पंचायत अपनी जमीन पर 0.5 MW (मेगावाट) से 2 मेगावाट तक का सौर संयंत्र लगा सकते हैं। 1 MW प्लांट के लिए लगभग 4–5 एकड़ जमीन चाहिए। उत्पादित बिजली को DISCOM को बेचा जाता हैं। छः एकड़ जमीन वाला किसान 1 MW प्लांट लगाकर सालाना 40–50 लाख की कमाई कर सकता है। किसान को हर साल लाखों रुपये की गारंटीड आय होती है।

2. सोलर पंप :- डीज़ल/बिजली पर चलने वाले सिंचाई पंप की जगह सौर पंप (Solar Pumps) दिए जाते हैं। फिर न डीज़ल की चिंता, न बिजली कटौती का डर। इस योजना में किसानों को 60% तक सब्सिडी मिलती है।

3.ग्रिड-Connected पंपों का सोलराइजेशन :- किसान अपने खेत में सौर ऊर्जा से पंप चलाकर सिंचाई कर सकता है और अतिरिक्त बिजली ग्रिड में बेच सकता है। कुसुम योजना को समझते ही किसान को लगता है मानो उसकी किस्मत पलट गई हो क्योंकि बिजली कटौती की नो टेंशन और बिजली बेच कर पैसे भी कमाओ।

प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत किसानों को मिलने वाले लाभ ?

1. मुफ्त सिंचाई का फायदा –अब पंप चलाने के लिए न बिजली बिल देना है और न डीज़ल जलाना है।

2. अतिरिक्त आय का स्रोत –खेत में बिजली बनाओ और बची हुई बिजली सरकार को बेचकर हर साल लाखों रुपये कमाओ।

3. पर्यावरण प्रदूषण से मुक्ति – आमतौर पर डीज़ल जलाने से प्रदूषण होता था। अब स्वच्छ सौर ऊर्जा से खेत भी हरे-भरे और आसमान भी साफ।

4. स्थायी रोज़गार –गाँव में पावर प्लांट लगाने से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता है।

5. ऊर्जा में आत्मनिर्भरता –किसान इस योजना का लाभ लेने के बाद उपभोक्ता नहीं, बल्कि ऊर्जा उत्पादक (Energy Producer) बन जाता है।

प्रधानमंत्री कुसुम योजना में किसानों को कितनी सब्सिडी दी जाती है?

इस योजना के अंतर्गत किसानों को सौर पंप और सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने पर सब्सिडी दी जाती है। यानी किसान को कुल लागत का केवल लगभग 30–40% ही खर्च करना पड़ता है। किसान का स्वयं का योगदान : 40% (जिसमें से यदि वह.. चाहे तो बैंक से स्वयं रोजगार के तहत ऋण भी ले सकता है) । प्रधानमंत्री कुसुम योजना में किसानों को केंद्र सरकार की ओर से 30% और राज्य सरकार की ओर से 30% अनुदान मिलता है।

Pm Kusum योजना के लिए पात्रता क्या है?

1. आवेदक किसान होना चाहिए – व्यक्तिगत किसान, किसान समूह, सहकारी समिति, पंचायत, किसान उत्पादक संगठन (FPO) आदि आवेदन कर सकते हैं।

2. भूमि की शर्त –सोलर पंप के लिए किसान के पास अपनी कृषि भूमि होनी चाहिए।सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए न्यूनतम भूमि (लगभग 1 एकड़ प्रति मेगावाट) उपलब्ध होनी चाहिए।

3. भारतीय नागरिक होना आवश्यक है।

4. डीजल/ग्रिड आधारित पंप चलाने वाले किसान इस योजना का लाभ ले सकते हैं।

5. लाभार्थी ने पहले किसी अन्य समान सौर पंप सब्सिडी योजना का लाभ न लिया हो।

प्रधानमंत्री कुसुम योजना का लाभ लेने के लिए कैसे आवेदन करें ?

1. किसान को अपनी जमीन उपलब्ध करानी होगी।

2. राज्य की नोडल एजेंसी (जैसे MP में MPUVNL, UP में UPNEDA) में आवेदन करना होगा।

3. DISCOM के साथ बिजली बेचने का अनुबंध (PPA) होगा।

4. MNRE-Approved Vendor से सौर पैनल लगवाए जाते हैं।

5. प्लांट बनते ही उत्पादन और कमाई शुरू।

पूछे गए अन्य FAQs

Q. इस योजना को किस मंत्रालय द्वारा लागू किया गया है?

नई और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE – Ministry of New and Renewable Energy)

Q.प्रधानमंत्री कुसुम योजना का पूरा नाम क्या है?

प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान

Q. इस योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?

किसानों को फ्री बिजली देना, किसानों की आय दोगुनी करना ,किसानों को सौर ऊर्जा आधारित उपकरण उपलब्ध कराना , कृषि उपज बढ़ाना आदि।

Q. किसानों को इस योजना से क्या लाभ मिलता है?

खेतों में 24 घंटे सिंचाई की सुविधा मिलती हैं। बिजली/डीजल का खर्च बचता है।अतिरिक्त बिजली बेचकर अतिरिक्त आय कमा सकते है।

Q. इस योजना से देश में ऊर्जा सुरक्षा पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

प्रदूषण व कार्बन उत्सर्जन घटेगा क्योंकि डीजल, पेट्रोल के अधिक उपयोग से प्रदूषण होता है। गाँवों में स्थायी बिजली उपलब्ध होगी। पेट्रोलियम आयात घटेगा जिससे विदेशी मुद्रा की बचत होगी ।

क्या आपने अभी तक आवेदन किया कमेंट्स करके जरूर बताएं 👇

Leave a Comment